“चारधाम यात्रा 2025: बदरीनाथ–केदारनाथ पर आस्था का सैलाब, लेकिन रास्तों में भूस्खलन ने बढ़ाई मुश्किलें”

उत्तराखंड की चारधाम यात्रा इस वर्ष प्राकृतिक आपदाओं और भारी बारिश की मार झेल रही है। जहां सामान्यतः हर साल मानसून के दौरान तीर्थयात्रियों की संख्या में अस्थायी गिरावट आती है और सितंबर माह में फिर से रफ्तार पकड़ती है, वहीं इस बार हालात और अधिक गंभीर हो गए हैं। उत्तरकाशी जिले में आई आपदा के कारण गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा पूरी तरह से बंद हो चुकी है। इससे चारधाम यात्रा अब केवल केदारनाथ और बदरीनाथ धाम तक सिमट गई है।

गंगोत्री–यमुनोत्री में सन्नाटा

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम, जहां आमतौर पर श्रद्धालुओं के जयकारे गूंजते रहते थे, इस समय सुनसान पड़े हैं। उत्तरकाशी जिले में भूस्खलन और आपदा की वजह से इन दोनों धामों का मार्ग पूरी तरह से बाधित है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने यात्रा स्थगित कर दी है। परिणामस्वरूप गंगोत्री और यमुनोत्री में इस समय कोई भी दर्शन गतिविधि नहीं हो रही है।

केदारनाथ–बदरीनाथ में आस्था बरकरार

इसके विपरीत, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में आस्था का सैलाब अब भी बरकरार है। प्रतिदिन यहाँ तीन से पाँच हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुँच रहे हैं। हालांकि, यहाँ तक पहुँचने का मार्ग भी बिल्कुल आसान नहीं है।

  • बदरीनाथ धाम मार्ग पर कमेड़ा और लामबगड़ क्षेत्रों में लगातार भूस्खलन हो रहा है। मलबा और टूटे हुए पत्थरों के कारण यातायात कई बार बाधित हो जाता है।
  • केदारनाथ धाम मार्ग पर सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच भूस्खलन बड़ी चुनौती बन चुका है। इस मार्ग पर यात्रा करते समय श्रद्धालुओं को काफी जोखिम और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

श्रद्धालुओं की संख्या

पर्यटन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 30 अप्रैल 2025 से शुरू हुई चारधाम यात्रा में अब तक 42.54 लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। इसमें सबसे अधिक संख्या केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की है।

  • केदारनाथ – 14.80 लाख
  • बदरीनाथ – 12.78 लाख
  • गंगोत्री – 6.69 लाख
  • यमुनोत्री – 5.86 लाख
  • हेमकुंड साहिब – 2.49 लाख

स्पष्ट है कि गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा बंद होने के बावजूद केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुँच रहे हैं।

सरकार की अपील

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने स्वीकार किया है कि इस बार आपदा के कारण चारधाम यात्रा की रफ्तार थम गई है। उन्होंने कहा कि मौसम बदलने के बाद यात्रा एक बार फिर रफ्तार पकड़ेगी। साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं को सलाह दी है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की जानकारी अवश्य प्राप्त करें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

निष्कर्ष

चारधाम यात्रा उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान है, लेकिन इस बार भारी बारिश और भूस्खलन ने यात्रा को कठिन बना दिया है। गंगोत्री और यमुनोत्री के बंद होने से यात्रा फिलहाल केवल बदरीनाथ और केदारनाथ तक सीमित है। बावजूद इसके, श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है और वे चुनौतियों के बीच भी आस्था की डोर से जुड़े इन धामों के दर्शन के लिए पहुँच रहे हैं।

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