देहरादून से जौलीग्रांट हेलिपैड से 15 सितंबर 2025 से एमआई 17 हेलिकॉप्टर के माध्यम से केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के लिए हवाई सेवा पुनः शुरू हो जाएगी। मानसून सीजन के समाप्त होने के बाद यह सेवा श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक विकल्प साबित होगी। इस बार भी प्रति दिन दो उड़ानें संचालित की जाएंगी, जिनमें प्रत्येक उड़ान में कुल 20 श्रद्धालु शामिल हो सकेंगे।

एसडीआरएफ मुख्यालय के पास स्थित जौलीग्रांट हेलिपैड से यह उड़ान सेवा इस वर्ष रुद्राक्ष एविएशन कंपनी द्वारा संचालित की जाएगी। इस कंपनी ने इस यात्रा सीजन में 3 मई से दो धामों के लिए हेलिकॉप्टर उड़ानें शुरू की थीं। उड़ानें बरसात शुरू होने से पहले 17 जून तक संचालित की गईं, लेकिन भारी बारिश और मानसून की कठिन परिस्थितियों के कारण 18 जून से उड़ानों पर ब्रेक लगाया गया था। अब मौसम के अनुकूल होने पर 15 सितंबर से यह उड़ानें फिर से शुरू की जा रही हैं।
इस वर्ष दीपावली का त्योहार जल्दी आने के कारण धामों के कपाट पहले बंद हो जाएंगे। ऐसे में हेलिकॉप्टर उड़ानें केवल 18 अक्टूबर तक ही संचालित होंगी। रुद्राक्ष एविएशन के अधिकारियों ने बताया कि जौलीग्रांट से दो धामों की यात्रा के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह हमेशा से ही अधिक रहा है। इसी कारण कंपनी लगातार तीसरे वर्ष इस सेवा को चला रही है।
किराया और बुकिंग
इस बार रुद्राक्ष एविएशन ने उड़ानों का किराया इस प्रकार निर्धारित किया है:
- एक दिन में वापसी: प्रति श्रद्धालु 1,25,000 रुपये
- रात्रि विश्राम सहित: प्रति श्रद्धालु 1,35,000 रुपये
कंपनी ने स्पष्ट किया है कि इस वर्ष किराये में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। श्रद्धालु उड़ानों की बुकिंग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से कर सकते हैं।
श्रद्धालुओं के लिए सुविधा और सुरक्षा
रुद्राक्ष एविएशन के अधिकारियों के अनुसार, हेलिकॉप्टर उड़ान सेवा का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को सुरक्षित, सुविधाजनक और समय की बचत करने वाला विकल्प प्रदान करना है। प्रत्येक उड़ान में सुरक्षा और हेल्थ प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जाएगा। यह सेवा उन श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से मददगार है, जो मौसम की अनिश्चितताओं और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक बाधाओं के कारण लंबी और कठिन यात्रा नहीं कर पाते।
निष्कर्ष
जौलीग्रांट से केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के लिए हेलिकॉप्टर सेवा इस साल श्रद्धालुओं के लिए राहत का स्रोत साबित होगी। मानसून की समाप्ति के साथ ही यह सेवा यात्रियों को समय की बचत, सुविधा और सुरक्षित यात्रा का भरोसा देती है। श्रद्धालु जल्द अपनी बुकिंग करवा लें, क्योंकि सीमित सीटों के कारण केवल 20 श्रद्धालु प्रति उड़ान ही शामिल हो सकेंगे।