
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सभी सदस्य देशों ने संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर बुधवार को गाजा में मानव निर्मित अकाल और बढ़ती मानवीय आपात स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। परिषद ने चेतावनी दी कि युद्ध के हथियार के रूप में भुखमरी का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
यूएनएससी के 14 सदस्यों ने संयुक्त बयान में तत्काल बिना शर्त और स्थायी युद्धविराम की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने हमास और अन्य समूहों द्वारा बनाए गए सभी बंधकों की रिहाई, गाजा में मानवीय सहायता में पर्याप्त वृद्धि और इस्राइल द्वारा सहायता वितरण पर लगाए गए सभी प्रतिबंधों को तुरंत हटाने की मांग की। परिषद ने कहा, “गाजा में अकाल को तुरंत रोका जाना चाहिए। समय की कमी है। मानवीय आपात स्थिति का बिना किसी देरी के समाधान किया जाना चाहिए और इस्राइल को अपना रुख बदलना होगा।”
एक वैश्विक भूख निगरानीकर्ता ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि गाजा शहर और उसके आसपास के इलाके अब आधिकारिक तौर पर अकाल की चपेट में हैं। एकीकृत खाद्य सुरक्षा चरण वर्गीकरण प्रणाली के अनुसार, 5,14,000 लोग – यानी गाजा की कुल आबादी का लगभग चौथाई हिस्सा – अकाल का सामना कर रहे हैं। सितंबर के अंत तक यह संख्या बढ़कर 6,41,000 तक पहुँच सकती है।
इज़राइल ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया। उसने कहा कि यह निष्कर्ष गलत और पक्षपातपूर्ण हैं। इज़राइल का दावा है कि सर्वेक्षण में केवल अधूरी जानकारी शामिल थी, जो ज्यादातर हमास से प्राप्त की गई थी, और इसमें यह नहीं बताया गया कि हाल ही में गाजा में खाद्यान्न भी पहुँच चुका है।
दक्षिणी सीरिया में इज़राइल की सैन्य कार्रवाई
इज़राइल ने दक्षिण-पश्चिमी दमिश्क के ग्रामीण इलाकों में पूर्व सैन्य चौकियों पर कई हमले किए। सीरियाई सेना के सूत्रों और सरकारी अल-अखबारिया टीवी के अनुसार यह 24 घंटों में इज़राइल का दूसरा हमला था। किस्वा क्षेत्र और जबल मानेआ, जो असद काल के दौरान ईरान समर्थक मिलिशिया की ओर से इस्तेमाल की जाने वाली महत्वपूर्ण सैन्य चौकियाँ थीं, इस बार हमले का लक्ष्य बनीं। दक्षिणी सीरिया में इज़राइल की यह घुसपैठ ऐसे समय में हुई जब दमिश्क और इज़राइल पुराने दुश्मनों के बीच सुरक्षा वार्ता कर रहे थे।
इज़राइल में आक्रोश और विरोध प्रदर्शन
इज़राइल में गाजा पर हमलों के विरोध में मंगलवार को हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। उन्होंने टायर जलाए, जाम लगाया और सरकार से गाजा में फंसे बंधकों की रिहाई के लिए तत्काल युद्धविराम की मांग की। गाजा में हुए हालिया हमलों में 16 फलस्तीनियों की जान गई। वहीं, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुरक्षा कैबिनेट की बैठक बुलाई, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इसमें युद्धविराम पर चर्चा होगी या नहीं।
प्रदर्शन गाजा के मुख्य अस्पताल पर हुए घातक हमलों के अगले दिन हुए, जिसमें 20 लोगों की मौत हुई। मृतकों में डॉक्टर, पत्रकार और मरीज शामिल थे। मशहूर पत्रकार मरियम डग्गा भी इस हमले में मारी गईं, जिन्होंने हाल ही में भूख से तड़पते बच्चों पर रिपोर्टिंग की थी। इस हमले ने पूरी दुनिया में आलोचना को जन्म दिया और प्रेस स्वतंत्रता संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। नेतन्याहू ने इसे “दुर्भाग्यपूर्ण हादसा” बताते हुए जांच का भरोसा दिया।
बंधकों की स्थिति और राजनीतिक अस्थिरता
सात अक्टूबर 2023 को हमास ने 251 लोगों को बंधक बनाया था। इनमें से अधिकांश को युद्धविराम के दौरान रिहा किया गया, लेकिन अभी भी लगभग 50 बंधक गाजा में हैं। इज़राइल का दावा है कि इनमें से 20 जीवित हैं। प्रदर्शनकारी और बंधक परिवारों का कहना है कि अगर नेतन्याहू सरकार बातचीत की मेज पर लौटे, तो सौदा संभव हो सकता है। उनका आरोप है कि नेतन्याहू अपने शासन को बचाने के लिए नागरिकों की बलि दे रहे हैं और युद्ध को लंबित कर रहे हैं।
हालात यह दर्शाते हैं कि इज़राइल राजनीतिक अस्थिरता और युद्ध की दोहरी चुनौती का सामना कर रहा है। वहीं फलस्तीन की जनता लगातार विस्थापन, भुखमरी और हमलों की चपेट में है। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चेतावनियाँ इज़राइल को मानवीय कानूनों का पालन करने और गाजा में तत्काल राहत पहुँचाने के लिए दबाव डाल रही हैं।