
नई दिल्ली/टोक्यो/सेंडाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जापान की दो दिवसीय यात्रा का समापन कर चीन के लिए रवाना हो गए हैं। जापान यात्रा के समापन पर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर साझा किए एक पोस्ट में लिखा कि यह यात्रा याद रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि “जापान की यह यात्रा उन उपयोगी परिणामों के लिए याद रखी जाएगी, जिनसे हमारे देश के लोगों को लाभ होगा। मैं प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा, जापानी जनता और सरकार को उनकी गर्मजोशी के लिए धन्यवाद देता हूं।”
प्रधानमंत्री मोदी अब चीन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जिसका आयोजन तियानजिन शहर में किया जाएगा। इसके दौरान वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय और त्रिपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेंगे। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बैठक के दौरान वैश्विक आर्थिक और कूटनीतिक समीकरणों में महत्वपूर्ण बदलाव की पटकथा लिखी जा सकती है।
जापान में प्रधानमंत्री मोदी का व्यस्त कार्यक्रम
पीएम मोदी ने जापान में सेमीकंडक्टर क्षेत्र और तकनीकी नवाचार पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने सेंडाई में टोक्यो इलेक्ट्रॉन फैक्ट्री का दौरा किया, जहां प्रशिक्षण कक्ष और उत्पादन नवाचार प्रयोगशाला का निरीक्षण किया। पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि “सेमीकंडक्टर क्षेत्र भारत-जापान सहयोग का एक प्रमुख क्षेत्र है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने इस क्षेत्र में काफी प्रगति की है। बहुत से युवा भी इससे जुड़ रहे हैं। हम आने वाले समय में भी इस गति को जारी रखना चाहते हैं।”
विशेषज्ञों ने बताया कि टोक्यो इलेक्ट्रॉन फैक्ट्री मियागी की यह कंपनी वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में अहम भूमिका निभाती है और भारत के साथ सहयोग की योजना बना रही है। इस दौरे से नेताओं को निर्माण, परीक्षण और आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्र में व्यावहारिक समझ प्राप्त हुई।
पीएम मोदी ने जापानी बुलेट ट्रेन की भी सवारी की और इस दौरान स्थानीय लोगों ने “मोदी सैन वेलकम” के नारे लगाकर उनका स्वागत किया। ट्रेन यात्रा से पहले उन्होंने 16 जापानी प्रान्तों के राज्यपालों से मुलाकात की, जिसमें प्रौद्योगिकी, नवाचार, निवेश, कौशल, स्टार्ट-अप और लघु एवं मध्यम उद्यमों के क्षेत्र में बढ़ती साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा हुई।
चीन में SCO सम्मेलन और द्विपक्षीय बैठकों की तैयारियाँ
जापान में सभी कार्यक्रमों को पूरा करने के बाद पीएम मोदी 31 अगस्त एवं 1 सितंबर को चीन में रहेंगे। यह उनके पिछले सात वर्षों में पहला चीन दौरा होगा। वे शंघाई सहयोग संगठन की 25वीं बैठक में हिस्सा लेंगे और वैश्विक आर्थिक एवं सुरक्षा मुद्दों पर भारत की रणनीति को साझा करेंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की चीन और रूस के नेताओं के साथ द्विपक्षीय और त्रिपक्षीय बैठकें वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और अमेरिकी टैरिफ के असर को कम करने के लिए महत्वपूर्ण होंगी। बैठक के दौरान मेक इन इंडिया पहल और भारत की वैश्विक आर्थिक भागीदारी पर जोर दिया जाएगा।
जापान यात्रा की प्रमुख विशेषताएँ
- पीएम मोदी ने सेमीकंडक्टर और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं का अवलोकन किया।
- टोक्यो इलेक्ट्रॉन फैक्ट्री और तोहोकू शिंकानसेन प्लांट का दौरा किया, जहां बुलेट ट्रेन के डिब्बे बनाए जाते हैं।
- जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के साथ टोक्यो से सेंडाई की बुलेट ट्रेन यात्रा की।
- भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के तहत राज्य-प्रान्त सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने बताया कि इस दौरे से दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर, नवाचार, कौशल विकास और निवेश के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण समझ विकसित हुई।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जापान और चीन दौरे का उद्देश्य वैश्विक आर्थिक सहयोग को मजबूत करना, मेक इन इंडिया पहल को आगे बढ़ाना और तकनीकी एवं निवेश क्षेत्रों में नए अवसर तलाशना है। जापान यात्रा में सेमीकंडक्टर क्षेत्र और बुलेट ट्रेन परियोजनाओं पर विशेष ध्यान देने के बाद, अब पीएम मोदी SCO सम्मेलन में वैश्विक नेताओं के साथ भारत की मजबूती को दर्शाएंगे। इस दौरे से भारत को वैश्विक मंच पर आर्थिक और कूटनीतिक लाभ मिलने की उम्मीद है।