
उत्तरकाशी ज़िले में लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते यमुनोत्री हाईवे दसवें दिन भी बंद पड़ा हुआ है। हालात इतने खराब हैं कि धाम तक जाने वाले रास्ते कई जगहों पर ध्वस्त हो चुके हैं और बिजली आपूर्ति भी पूरी तरह से ठप है। स्थिति यह है कि मां यमुना की सांयकालीन आरती दीपक और मोमबत्ती की रोशनी में करनी पड़ रही है। श्रद्धालु और तीर्थ पुरोहित अंधेरे में पूजा-अर्चना करने को मजबूर हैं।
स्यानाचट्टी में बनी झील, पुल पर खतरा
सोमवार को स्यानाचट्टी में यमुना का बहाव रुकने से बनी झील का जलस्तर बढ़ गया। पानी पुल के ऊपर से बहने लगा, जिसके चलते पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से पुल के दोनों ओर बैरियर लगाकर आवाजाही रोक दी। दिन में स्थिति कुछ सामान्य हुई लेकिन पानी अभी भी पुल के निचले हिस्से को छूकर बह रहा है। इसी वजह से यातायात बहाल नहीं हो सका।
जंगलचट्टी और नारदचट्टी मार्ग 11 दिन से बाधित
जंगलचट्टी और नारदचट्टी के पास यमुनोत्री हाईवे पिछले 11 दिनों से पूरी तरह बंद है। सिलाई बैंड के पास भी लगातार भूस्खलन और चट्टान गिरने से दूसरा दिन भी सड़क बाधित रही। एनएच के ईई मनोज रावत ने बताया कि सड़क खोलने का काम बेहद जोखिम भरा है, फिर भी मशीनरी लगाकर प्रयास जारी हैं।
गांवों में अंधेरा और संचार बाधित
यमुनोत्री क्षेत्र के गीठ पट्टी के आधा दर्जन गांवों में पांच दिन से बिजली गुल है। यमुनोत्री धाम, नारायण पुरी, जानकीचट्टी, खरसाली, बनास, फूलचट्टी और दुर्बिल जैसे गांवों में अंधेरा छाया हुआ है। बिजली न होने से लोगों के मोबाइल भी बंद हो गए हैं और परिजनों से संपर्क टूट गया है। स्थानीय लोग रात में लगातार हो रही बारिश और अंधेरे के कारण दहशत में जी रहे हैं।
मरम्मत कार्य में बाधा
कोतवाली प्रभारी विनोद सिंह गुसाईं ने बताया कि हनुमान चट्टी के पास बिजली की लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। विद्युत विभाग के एसडीओ अजय सेमवाल ने कहा कि हाईवे जगह-जगह बंद होने से उनकी टीम मरम्मत स्थल तक नहीं पहुंच पा रही। उनका अनुमान है कि सड़क खुलने में कम से कम दो दिन और लगेंगे, तभी लाइन की मरम्मत शुरू की जा सकेगी।
धाम में संकट और जनरेटर भी ठप
यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल और कोषाध्यक्ष प्रदीप उनियाल ने बताया कि धाम में बिजली और नेटवर्क न होने से हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। समिति द्वारा लगाया गया जनरेटर भी लगातार बारिश के कारण तकनीकी खराबी से बंद पड़ा है। सड़क मार्ग बाधित होने के कारण मैकेनिक तक नहीं पहुँच पाए और अब ईंधन की भी भारी कमी होने लगी है।
दीपक और मोमबत्ती के सहारे आरती
बिजली आपूर्ति ठप होने के कारण धाम में पिछले दो दिनों से शाम की आरती दीपक और मोमबत्ती की रोशनी में हो रही है। मंदिर समिति के रसोइए धनंजय नैथानी ने बताया कि पूरा धाम अंधेरे में डूबा है और तीर्थ पुरोहित बड़ी मुश्किलों के बीच पूजा-पाठ करा रहे हैं।
इस आपदा ने न केवल श्रद्धालुओं की आस्था पर असर डाला है बल्कि स्थानीय लोगों का जीवन भी अस्त-व्यस्त कर दिया है। लोग अब प्रशासन और विभागों से जल्द से जल्द सड़क और बिजली बहाल करने की मांग कर रहे हैं।