उत्तरकाशी: हर्षिल में तेलगाड के मुहाने पर पहाड़ टूटने से झील बनने का खतरा, अलर्ट जारी

उत्तरकाशी जिले के हर्षिल क्षेत्र में तेलगाड के मुहाने पर पहाड़ टूटने के कारण स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल बन गया है। पहाड़ टूटने से उसका प्रवाह रुक गया है और इसके कारण ऊपर के हिस्सों में झील बनने का खतरा उत्पन्न हो गया है। स्थानीय प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और लोगों से सावधानी बरतने तथा निचले इलाकों में सतर्क रहने का आग्रह किया है।

मौके पर जानकारी के अनुसार, सुबह पहाड़ टूटने से पहले उसमें मलबा और पानी बहकर आया। इसके बाद पहाड़ के मुहाने पर भू-धंसाव के कारण प्रवाह रुक गया, जिससे ऊपर झील बनने की संभावना बढ़ गई है। इस स्थिति को देखते हुए पुलिस और स्थानीय प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

ग्रामीणों में दहशत और सुरक्षा की मांग

हर्षिल क्षेत्र में इस घटना के बाद ग्रामीणों में भय का माहौल व्याप्त हो गया है। लगातार बारिश के कारण कई गांवों में भू-धंसाव की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे ग्रामीणों के आवासीय भवन खतरे की जद में आ गए हैं। लोग रात को अपने घरों में सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं और कई ग्रामीणों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर रात गुजारने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

सामाजिक कार्यकर्ता पूरण सिंह रावत ने बताया कि बड़कोट नगरपालिका क्षेत्र के छाटांगा में आधे दर्जन से ज़्यादा घरों के आंगन भू-धंसाव की चपेट में आ गए हैं। लगातार बारिश से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने समय रहते सुरक्षात्मक उपाय नहीं किए तो और भी कई भवन खतरे में पड़ सकते हैं।

मदेश गांव में भी बढ़ा खतरा

मदेश गांव के ग्रामीणों में भी भय का माहौल है क्योंकि गांव के आगे और पीछे दोनों तरफ से भू-धंसाव की घटनाएं हो रही हैं। क्षेत्र पंचायत सदस्य अमिता पंवार ने बताया कि गांव के नीचे बहने वाली सहायक नदी का कटाव भी खतरे को और बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि बारिश इसी तरह जारी रही तो गांव के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप कर सुरक्षात्मक कार्य करवाने की मांग की है।

प्रशासन की तैयारी और चेतावनी

स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है और आपातकालीन तैयारियां पूरी की हैं। पुलिस ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। वहीं, अधिकारियों ने झील बनने की संभावनाओं और भूस्खलन की घटनाओं पर लगातार निगरानी रखने की भी बात कही है।

भारी बारिश और भू-धंसाव की इन घटनाओं के बीच हर्षिल और आसपास के गांवों के लोग अपने जीवन और संपत्ति की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि प्रशासन ने तुरंत सुरक्षात्मक उपाय नहीं किए तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

उत्तरकाशी जिले में लगातार बारिश और भूस्खलन की घटनाओं ने स्थानीय लोगों में डर और आशंका पैदा कर दी है। प्रशासन और विशेषज्ञ फिलहाल प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी और राहत कार्यों में जुटे हुए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से पहले समय रहते कार्रवाई की जा सके।

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