पल्लवी जोशी ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, ‘द बंगाल फाइल्स’ की बंगाल में रिलीज की मांग

विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ 5 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। हालांकि, इस फिल्म को लेकर पश्चिम बंगाल में विरोध और राजनीतिक दबाव के कारण इसे रिलीज करने में मुश्किलें आ रही हैं। इस स्थिति के मद्देनजर फिल्म निर्माता और अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर फिल्म को बंगाल में शांतिपूर्वक रिलीज करने की अपील की है।

पल्लवी जोशी की आपील और पत्र का विवरण

पल्लवी जोशी ने अपने पत्र में लिखा, “राष्ट्रपति महोदया, भारी मन से, मैं आपसे अनुरोध करती हूं, किसी एहसान के लिए नहीं, बल्कि सुरक्षा के लिए। ‘द बंगाल फाइल्स’ ट्रिलॉजी का अंतिम भाग है, जो 5 सितंबर को रिलीज हो रहा है। यह ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ के हिंदू नरसंहार और नोआखली की भयावहता और विभाजन के आघात की लंबे समय से दबी हुई सच्चाई को बयां करता है।”

पत्र में उन्होंने आगे बताया कि पश्चिम बंगाल में फिल्म की रिलीज़ पर कई वर्षों से रोक लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने फिल्म पूरी होने से पहले इसका मजाक उड़ाया और कई बेतुकी एफआईआर दर्ज की गईं। पुलिस ने ट्रेलर को रोक दिया और मीडिया भी विज्ञापन देने से बच रही है। पल्लवी ने कहा कि उनके परिवार को रोज़ाना राजनीतिक पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा धमकाया जाता है, और थिएटर मालिकों को भी सत्ताधारी पार्टी के दबाव और हिंसा के डर से फिल्म दिखाने से मना कर दिया गया।

संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की अपील

पत्र में पल्लवी जोशी ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि सत्य और कला के पक्ष में उनकी मदद करें। उन्होंने लिखा, “राष्ट्रपति महोदया, मैं किसी फिल्म के लिए कोई उपकार नहीं चाहती, बल्कि कला और सत्य के लिए, मां भारती की आत्मा के लिए बिना किसी भय के बोलने की जगह चाहती हूं। आप मेरी अंतिम आशा हैं। कृपया हमारे संवैधानिक अधिकार की रक्षा करें और ‘द बंगाल फाइल्स’ को पश्चिम बंगाल में शांतिपूर्वक रिलीज होने दें।”

फिल्म के बारे में

‘द बंगाल फाइल्स’ में पल्लवी जोशी, अनुपम खेर, दर्शन कुमार और मिथुन चक्रवर्ती मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे। यह फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की तरह ऐतिहासिक घटनाओं और वास्तविक कथाओं पर आधारित है। यह फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ ट्रिलॉजी का अंतिम भाग है और 5 सितंबर से सिनेमाघरों में दर्शकों के सामने आएगी।

राजनीतिक और सामाजिक पहलू

इस पत्र और फिल्म को लेकर उठ रहे विवाद ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी बहस छेड़ दी है। फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने के प्रयासों और राजनीतिक दबाव की खबरों के बीच, निर्माता और कलाकार संवैधानिक अधिकारों और कला की स्वतंत्रता का समर्थन कर रहे हैं। इस फिल्म के माध्यम से निर्माताओं का उद्देश्य इतिहास और सच्चाई को सामने लाना है, ताकि दर्शक इस महत्त्वपूर्ण घटना को समझ सकें।

निष्कर्ष

पल्लवी जोशी द्वारा राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र ने फिल्म के लिए एक नई दिशा तय की है। यह पत्र न केवल फिल्म की रिलीज़ के लिए अपील है, बल्कि कला, सत्य और संवैधानिक अधिकारों के पक्ष में एक मजबूत संदेश भी है। अब देखना यह है कि फिल्म को बंगाल में रिलीज करने को लेकर प्रशासन और राजनीतिक दबाव के बीच क्या निर्णय लिया जाता है।

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