
उत्तराखंड में इस वर्ष मानसून के दौरान आई आपदा ने राज्य को गहरे जख्म दिए हैं। भारी बारिश, भूस्खलन और प्राकृतिक आपदाओं से जहां कई जन-धन की हानि हुई है, वहीं सड़कों, पुलों, बिजली व्यवस्था और अन्य बुनियादी ढाँचों को भी गंभीर क्षति पहुँची है। आपदा से प्रभावित क्षेत्रों की वास्तविक स्थिति और नुकसान का सटीक आकलन करने के लिए केंद्र सरकार ने अब निर्णायक कदम उठाया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तराखंड में आपदा की क्षति का आंकलन करने के लिए एक अंतर मंत्रालय केंद्रीय टीम (Inter-Ministerial Central Team) का गठन किया है। गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव आर. प्रसन्ना की अध्यक्षता में बनी यह सात सदस्यीय टीम 8 सितंबर को उत्तराखंड का दौरा करेगी।
इस समिति में गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं—
- महेश कुमार, उप निदेशक
- सुधीर कुमार, अधीक्षण अभियंता
- विकास सचान, उप निदेशक
- पंकज सिंह, मुख्य अभियंता
- डॉ. वीरेंद्र सिंह, निदेशक
- आर. कृष्णा कुमारी, वरिष्ठ अधिकारी
यह टीम आपदा प्रभावित जिलों का दौरा करेगी और स्थल निरीक्षण कर प्रत्यक्ष रूप से क्षति का आकलन करेगी। टीम को प्रभावित क्षेत्रों की वास्तविक स्थिति से अवगत कराने के लिए राज्य सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है।
गुरुवार को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु और सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सचिव को ज्ञापन सौंपा। इसमें राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि उत्तराखंड को इस आपदा से भारी आर्थिक क्षति हुई है और अनेक महत्वपूर्ण अवसंरचनाएँ (infrastructure) क्षतिग्रस्त होने की कगार पर हैं। इसलिए राज्य ने केंद्र से विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की है ताकि राहत एवं पुनर्निर्माण कार्य तेजी से हो सके।
प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु ने जानकारी दी कि NDMA अधिकारियों के साथ हुई बैठक बेहद सकारात्मक रही और ज्ञापन पर गहन चर्चा की गई। केंद्र ने आश्वासन दिया है कि राज्य को हर संभव सहायता और विशेष पैकेज मुहैया कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “आपदा की इस कठिन घड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगातार उत्तराखंड के साथ खड़े हैं। केंद्र सरकार ने अब तक हर संभव सहयोग दिया है, जिसके चलते राहत और बचाव कार्यों में तेजी आई है।” उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य सरकार को आपदा से हुए नुकसान का प्रस्ताव केंद्र को भेजने के निर्देश दिए थे। उसी क्रम में उत्तराखंड ने केंद्र से विशेष पैकेज की मांग रखी है।
राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र से मिल रहे सहयोग और आने वाली केंद्रीय टीम की रिपोर्ट के आधार पर उत्तराखंड को राहत एवं पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक संसाधन जल्द ही उपलब्ध होंगे। इससे आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढाँचों की मरम्मत के काम में तेजी लाई जा सकेगी।