Deprecated: Function WP_Dependencies->add_data() was called with an argument that is deprecated since version 6.9.0! IE conditional comments are ignored by all supported browsers. in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 6131
नेपाल में हिंसा और तनाव के बीच काठमांडू एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू, सैकड़ों भारतीय सुरक्षित लौटे स्वदेश - The Indian Exposure

नेपाल में हिंसा और तनाव के बीच काठमांडू एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू, सैकड़ों भारतीय सुरक्षित लौटे स्वदेश

काठमांडू/नई दिल्ली: पड़ोसी देश नेपाल इन दिनों भीषण तनाव और हिंसा से जूझ रहा है। राजधानी काठमांडू समेत कई प्रमुख शहरों में पिछले दिनों हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाए हैं। भ्रष्टाचार, महंगाई और सरकार के फैसलों को लेकर उठे आक्रोश ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों का रूप ले लिया। सोमवार और मंगलवार को प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गए, जिसके बाद नेपाल सरकार को सेना बुलानी पड़ी। हालात बिगड़ने पर कर्फ्यू को शुक्रवार सुबह तक बढ़ा दिया गया।

इस तनावपूर्ण माहौल के बीच नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों की घर वापसी की प्रक्रिया तेज हो गई है। काठमांडू स्थित त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (टीआईए) जो 24 घंटे बंद रहा था, बुधवार शाम से उड़ान सेवाओं के लिए खोल दिया गया। इसके बाद से भारत लौटने वाले यात्रियों के चेहरों पर स्पष्ट रूप से राहत और खुशी देखी गई। नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जब भारतीय यात्री पहुंचे, तो परिजनों ने उन्हें गले लगाकर भावुक स्वागत किया।

भारत सरकार लगातार नेपाल से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रयासरत है। विशेष उड़ानों की व्यवस्था की गई है। आंध्र प्रदेश के 144 लोगों को विशेष विमान से काठमांडू से विशाखापत्तनम और तिरुपति लाया गया। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के 154 और नागरिकों के लिए बोर्डिंग पास जारी कर दिया गया है और उम्मीद है कि वे जल्द ही भारत लौट आएंगे। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के पानीटंकी बॉर्डर पर भी बड़ी संख्या में भारतीय मजदूर और फैक्ट्री कर्मचारी नेपाल से लौटते देखे गए। इनमें से कई लोगों ने बताया कि हिंसा और काम बंद होने के कारण वे मजबूर होकर वापस लौटे हैं।

नेपाल में हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। काठमांडू घाटी के तीन जिलों – काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर – में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। गुरुवार को सेना ने कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दी ताकि लोग आवश्यक सामान खरीद सकें। जैसे ही सुबह छह बजे ढील मिली, लोग किराने की दुकानों और बाजारों की ओर दौड़ पड़े। हालांकि सुरक्षा कारणों से सड़कें ज्यादातर खाली रहीं और केवल जरूरी वाहन ही चलते दिखाई दिए। काठमांडू की सूनी सड़कों पर सैनिकों की लगातार गश्त जारी रही और हर राहगीर व वाहन की सख्ती से जांच की गई। सेना का कहना है कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, कर्फ्यू और कड़ी निगरानी जारी रहेगी।

इस बीच गुरुवार को काठमांडू की एक जेल से कुछ कैदियों के भागने की कोशिश ने प्रशासन की मुश्किलें और बढ़ा दीं। सेना ने इस कोशिश को नाकाम कर दिया, लेकिन झड़प में तीन कैदी मारे गए। इसके बाद जेलों की सुरक्षा और भी कड़ी कर दी गई है।

नेपाल में जारी संकट की जड़ें पिछले कई हफ्तों से चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों और महंगाई से जुड़ी हैं। सरकार द्वारा लिए गए कुछ फैसलों और सोशल मीडिया बैन ने भी जनता के गुस्से को और भड़का दिया। यही कारण रहा कि प्रदर्शन अचानक हिंसक हो उठे और स्थिति बेकाबू हो गई।

भारतीय दूतावास नेपाल की मौजूदा स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और वहां रह रहे भारतीयों को सलाह दी गई है कि वे भीड़भाड़ से दूर रहें, सतर्क रहें और जरूरत पड़ने पर तुरंत दूतावास से संपर्क करें। भारत लौटे यात्रियों ने राहत की सांस ली और कहा कि अब वे अपने परिवार के बीच सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

हालांकि काठमांडू एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू हो गई हैं, लेकिन कर्फ्यू और तनावपूर्ण माहौल इस प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। नेपाल सरकार का कहना है कि सेना और प्रशासन स्थिति सामान्य करने में पूरी तरह जुटे हैं।

नेपाल की मौजूदा परिस्थितियाँ न केवल वहां की जनता के लिए बल्कि भारत जैसे पड़ोसी देश के लिए भी गंभीर चिंता का विषय हैं। हजारों भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी जहां कूटनीतिक और मानवीय प्रयासों की बड़ी सफलता है, वहीं नेपाल के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण दौर है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि नेपाल सरकार हालात को कितनी जल्दी काबू में ला पाती है और देश को फिर से सामान्य जीवन की ओर कैसे लौटाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 5481