“उत्तराखंड मौसम अपडेट: देहरादून समेत आठ जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी”

देहरादून: उत्तराखंड में मौसम का मिजाज लगातार बदलता जा रहा है और राज्यवासियों को सतर्क रहने की जरूरत है। मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देहरादून समेत आठ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इन जिलों में येलो अलर्ट घोषित किया गया है। येलो अलर्ट का मतलब है कि मौसम की स्थिति सामान्य से हटकर हो सकती है और लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

विभाग ने विशेष रूप से गरज और बिजली के साथ तेज बारिश की संभावना जताई है। इसके साथ ही अन्य जिलों में भी सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है, ताकि किसी अप्रत्याशित मौसमीय आपदा से बचाव किया जा सके। विभाग ने कहा कि अचानक तेज बारिश, बादल फटने की घटनाओं और पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका बनी हुई है।

गुरुवार को देहरादून में बादल छाए रहे और उमस भरी गर्मी रही। तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ा। दिन के दौरान हल्की बूंदाबांदी के साथ गरमी महसूस हुई, वहीं शाम के समय बादल घिरने के कारण आसमान में अंधेरा छा गया। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून का असर अभी भी पर्वतीय जिलों में तेज है और आने वाले दिनों में बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।

विभाग ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे जरूरत पड़ने पर बाहर निकलते समय सावधानी बरतें, विशेष रूप से पहाड़ी इलाकों में यात्रा करने वाले। कृषि कार्यों में लगे किसानों को भी अपने खेतों और फसलों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को पहाड़ी क्षेत्रों में मलबा गिरने या भूस्खलन की घटनाओं के प्रति सचेत रहने की चेतावनी दी गई है।

मौसम विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि आने वाले दिनों में राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में हल्की और तेज बारिश की संभावना बनी हुई है। देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, बागेश्वर और नैनीताल जिलों में बारिश के साथ-साथ बिजली चमकने की घटनाएं भी हो सकती हैं। ऐसे में राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने भी लोगों से अतिरिक्त सतर्क रहने का आग्रह किया है।

इस बार का मानसून राज्य के लिए सामान्य से अधिक सक्रिय दिख रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम का पैटर्न असामान्य हो गया है और पर्वतीय इलाकों में बारिश की तीव्रता अधिक होने की संभावना रहती है। लोग विशेष रूप से अपने घरों, वाहनों और कृषि भूमि की सुरक्षा पर ध्यान दें और अनावश्यक जोखिम न उठाएं।

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