विश्व राजनीति में ऊर्जा और कूटनीति के मोड़: अमेरिका का G7 पर दबाव, ईरान-फ्रांस कैदी अदला-बदली का रास्ता

विश्व स्तर पर कई महत्वपूर्ण घटनाएं एक साथ सामने आई हैं, जो राजनीतिक, मानवाधिकार और ऊर्जा सुरक्षा के मुद्दों को लेकर चर्चा में हैं। पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष ने गाजा और इज़राइल में हालात को और जटिल बना दिया है। गाजा में इज़राइली सेना के हवाई हमलों में कम से कम 65 फलस्तीनी नागरिक मारे गए हैं, जिनमें एक ही परिवार के 14 सदस्य भी शामिल हैं। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश मौतें गाजा सिटी और उत्तरी इलाकों में हुई हैं। हमास ने इसे ‘आतंक और संगठित युद्ध अपराध’ बताते हुए अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। गाजा प्रशासन का कहना है कि अब भी लगभग 13 लाख लोग, जिनमें 3.5 लाख बच्चे शामिल हैं, गाजा में रह रहे हैं। इन हवाई हमलों में बच्चे और परिवार भी निशाने पर आए हैं, जिससे मानवाधिकार संगठनों की चिंता बढ़ गई है।

सामरिक और न्यायिक मामलों में भी महत्वपूर्ण घटनाएं सामने आई हैं। अमेरिका की एक अदालत ने ट्रंप प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे आप्रवासन सेवा की वेबसाइट अपडेट करें, ताकि छह लाख वेनेजुएलावासी अस्थायी संरक्षित स्थिति (TPS) धारक कानूनी रूप से अमेरिका में रहने और काम करने के अपने अधिकार स्पष्ट रूप से देख सकें। इससे पहले, टीपीएस विस्तार को अवैध करार देने और स्थगन याचिका को खारिज करने के बाद कई वेनेजुएलावासी रोजगार और हिरासत संकट का सामना कर रहे थे।

ईरान और फ्रांस के बीच भी कूटनीतिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि दोनों देशों के बीच कैदी अदला-बदली समझौता लगभग तय है। इस समझौते के तहत फ्रांस में गिरफ्तार ईरानी महिला महदिह एस्फंदियारी की रिहाई शामिल है, जबकि इसके बदले ईरान में बंद दो फ्रांसीसी नागरिकों को छोड़ा जा सकता है। इस प्रक्रिया ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और मानवाधिकार बहस को भी तेज कर दिया है।

यूरोप से भी घटनाएं आई हैं। ब्रिटेन में उत्तर-पूर्व लंदन में हुई मोटरबाइक गोलीबारी मामले में भारतवंशी नाबालिग बच्ची को चोट पहुंचाने वाले आरोपी जेवन रिले को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। पैरोल पर विचार से पहले उसे कम से कम 34 साल जेल में रहना होगा। वहीं, पाकिस्तान में बाढ़ राहत प्रयासों के दौरान नाव पलटने से 10 लोगों की मौत हो गई, जिसमें बच्चे भी शामिल हैं।

दक्षिण और पूर्वी एशिया में भी घटनाक्रम जारी है। चीन का नया विमानवाहक पोत पहली बार ताइवान जलडमरूमध्य से होकर गुजरा, जो सुरक्षा और क्षेत्रीय सामरिक मामलों में महत्वपूर्ण संकेत है। ऑस्ट्रेलिया ने लुप्त हो रहे कोआला को क्लैमाइडिया से बचाने के लिए दुनिया का पहला टीका मंजूर किया। इस टीके से जंगली कोआला आबादी में मृत्यु दर 65 प्रतिशत तक कम होने की उम्मीद है।

इसके अलावा, भारत के लिए भी वैश्विक दबाव बढ़ रहा है। अमेरिका जी-7 देशों पर दबाव बना रहा है ताकि रूसी तेल खरीदने वाले देशों को युद्ध वित्तपोषण में योगदान से रोका जा सके। अमेरिका का कहना है कि केवल एक संयुक्त प्रयास से ही पुतिन की युद्ध मशीन को वित्तपोषित करने वाले राजस्व को स्रोत पर रोका जा सकता है। इस प्रयास में यदि जी-7 देशों का समर्थन हासिल होता है, तो भारत सहित अन्य देशों पर वैश्विक दबाव बढ़ सकता है।

विश्व के अलग-अलग हिस्सों में ये घटनाएं सुरक्षा, मानवाधिकार, कूटनीति और आर्थिक दबाव के पहलुओं को उजागर करती हैं। गाजा की त्रासदी से लेकर अमेरिका और ईरान के कूटनीतिक सौदे, यूरोप में न्यायिक फैसले और एशियाई सामरिक घटनाओं तक, वैश्विक मंच पर संकट और अवसर दोनों मौजूद हैं।

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