
दिल्ली के वसंत कुंज में 17 छात्राओं के साथ यौन शोषण के गंभीर मामले में फंसे स्वामी चैतन्यानंद को पुलिस ने शुक्रवार को अदालत में पेश किया। आरोपी की पांच दिन की पुलिस रिमांड पूरी हो चुकी थी। सुनवाई के दौरान पुलिस ने अदालत से उसकी 14 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की, जिसे कोर्ट ने मंजूरी दे दी।
गौरतलब है कि स्वामी चैतन्यानंद पर यौन शोषण के अलावा जालसाजी और गाड़ियों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाने जैसे दो अलग-अलग मामले भी दर्ज हैं। पुलिस फिलहाल इन मामलों की भी तहकीकात कर रही है।
🔹 आगरा से हुई गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस ने आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थसारथी को 27 सितंबर की रात आगरा के ताजगंज स्थित एक होटल से पकड़ा था। गिरफ्तारी से पहले वह उत्तराखंड के अल्मोड़ा में एक होटल में कुछ छात्राओं के साथ ठहरा हुआ था। इस जानकारी की पुष्टि करने और सबूत जुटाने के लिए दिल्ली पुलिस की टीम अल्मोड़ा पहुंची है और होटल स्टाफ से पूछताछ कर रही है।
🔹 वार्डनों की गिरफ्तारी
जांच में सामने आया है कि संस्थान में कार्यरत तीन महिला वार्डन छात्राओं की शिकायतों को दबाती थीं और आरोपी का पक्ष लेती थीं। पुलिस ने इन तीनों वार्डनों को भी हिरासत में लिया है।
🔹 छात्राओं पर दबाव और आपत्तिजनक हरकतें
दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने छात्राओं के लिए एक विशेष व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया था। उसमें छात्राओं को नियमित रूप से योग करते हुए अपनी तस्वीरें डालने के लिए मजबूर किया जाता था। बाहरी तौर पर इसका उद्देश्य “स्वस्थ तन और मन” बताया जाता था, लेकिन वास्तविक मंशा विकृत थी।
चैट रिकॉर्ड्स से पता चला है कि स्वामी उन तस्वीरों पर अनुचित और अश्लील टिप्पणियाँ करता था। जब भी छात्राएं विरोध करतीं, संस्थान की वार्डन उनकी आवाज दबा देती थीं। पुलिस को इन चैट्स और आपत्तिजनक टिप्पणियों के कई सबूत मिले हैं।