
बरेली और आसपास के जिलों में सोमवार सुबह घने कोहरे ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। तड़के से ही कोहरे की चादर इतनी घनी रही कि सड़कों पर दृश्यता लगभग समाप्त हो गई। हालात ऐसे बने कि वाहन चालकों को दिन में भी हेडलाइट जलाकर बेहद धीमी रफ्तार से चलना पड़ा। हाईवे से लेकर शहर की मुख्य और आंतरिक सड़कों तक कोहरे का व्यापक असर देखा गया। सुबह करीब 10 बजे के बाद ही कोहरे में कुछ कमी आई।
कड़ाके की ठंड के बीच बच्चे ठिठुरते हुए स्कूल पहुंचे। सुबह ऑफिस और जरूरी काम के लिए निकलने वाले लोगों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शहर में कई स्थानों पर लोग अलाव तापते नजर आए। बदायूं और शाहजहांपुर में भी मौसम की स्थिति कुछ ऐसी ही रही, जबकि तराई के जिले पीलीभीत और लखीमपुर खीरी पूरे दिन कोहरे की चपेट में बने रहे।
मौसम विभाग ने आगामी सप्ताह तक कोहरा छाए रहने का अनुमान जताया है। बदायूं में घने कोहरे के कारण सबसे अधिक परेशानी स्कूल जाने वाले बच्चों को उठानी पड़ी। कई जगह छोटे बच्चों को अभिभावक गर्म कपड़ों में लपेटकर स्कूल ले जाते दिखे। अभिभावकों का कहना है कि कम दृश्यता और अत्यधिक ठंड के चलते बच्चों को स्कूल भेजना जोखिम भरा साबित हो रहा है।
कोहरे के कारण दोपहिया और चारपहिया वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित रही। वाहन चालकों के अनुसार कुछ मीटर आगे तक भी स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा था, जिससे उन्हें रेंगती गति से वाहन चलाने पड़े। खासकर सुबह दफ्तर जाने वाले लोग और किसान सबसे ज्यादा परेशान दिखे।
पीलीभीत में सोमवार सुबह पूरा जिला घने कोहरे की गिरफ्त में रहा। दृश्यता महज 10 मीटर तक सीमित होने से वाहन रेंगते नजर आए और चालकों ने हेडलाइट जलाकर गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। ठंड के कारण लोग सुबह नौ बजे तक घरों में ही दुबके रहे और केवल अत्यावश्यक कार्यों के लिए ही लोग बाहर निकलते दिखे। लखीमपुर खीरी में भी सुबह करीब 10 बजे तक सूरज के दर्शन नहीं हो सके।