
सुप्रीम कोर्ट के ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने के निर्णय के बाद प्रदेश में चुनाव कराने की कार्रवाई तेज हो गई है। निकाय और वार्डों में ओबीसी आरक्षण की संशोधन प्रक्रिया 24 मई तक पूरी करने के लिए कार्यक्रम जारी किया गया है। एसटी-एससी को जहां 50% से कम आरक्षण है, उन्हीं निकाय और वार्ड में ओबीसी को आरक्षण मिलेगा।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग की तरफ से वार्डों के आरक्षण के लिए सभी कलेक्टर को कार्यक्रम भेजा गया है। रिपोर्ट के अनुसार पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा के अनुसार आरक्षण दिया जाएगा। जिसके अनुसार यदि किसी निकाय में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का आरक्षण मिलाकर 50% या उससे अधिक है तो अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण उस निकाय में शून्य होगा। यदि किसी निकाय में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का आरक्षण मिलाकर 50% से कम है तो उस निकाय में अधिकतम 50% तक अन्य पिछड़ा वर्ग तक का आरक्षण होगा। यदि किसी निकाय में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति का आरक्षण मिलाकर 50% से कम है तो वहां अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण उस निकाय की अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी से अधिक नहीं होगा। किसी भी निकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 35% से अधिक नहीं होगा।
यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी
मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की अनुशंसा के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित वार्डों की संख्या में वृद्धि होने पर, ऐसे निकायों में पूर्व में किए गए आरक्षण को संशोधित करते हुए तथा चक्रानुक्रम की रीति को ध्यान में रखते हुए वर्तमान में अनारक्षित श्रेणी के वार्डों से लॉट डालकर मात्र बढ़ी हुई संख्या अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए वार्डों का आरक्षण किया जाना होगा। इसी प्रकार जिन निकायों में यथास्थिति मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की अनुशंसा के अनुयार अन्य पिछ़ड़ा वर्ग के लिए आरक्षित वार्डों की संख्या कम करना हो, उक्त के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए लॉट डालने की कारर्यवाही नए सिरे से चक्रानुक्रम व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुन: की जाएगी।
24 मई तक प्रक्रिया पूरा करने का समय
विभाग ने सभी कलेक्टर को निकाय और वार्ड की आरक्षण संशोधन प्रक्रिया पूरी करने के लिए 24 मई तक का समय दिया है। इसके बाद विभाग 25 मई को राज्य निर्वाचन आयोग को कार्यवाही पूर्ण करने की जानकारी भेजेंगा।