Jaishankar two-nation Tour: चेक गणराज्य के अपने समकक्ष से मिले जयशंकर; द्विपक्षीय संबंधों, यूक्रेन युद्ध समेत भारत प्रशांत क्षेत्र पर चर्चा

 विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को चेक गणराज्य के अपने समकक्ष जान लिपावस्की से मुलाकात की। इस दौरान व्यापार और रक्षा सहित द्विपक्षीय सहयोग में लगातार प्रगति पर सार्थक चर्चा की। यूक्रेन युद्ध और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर विचारों का आदान-प्रदान किया। इस दौरान भारत – यूरोपीय संघ संबंधों को भी और मजबूत करने पर भी बल दिया गया। जयशंकर ने ट्वीट कर यह जानकारी दी।

चेक गणराज्य एक जुलाई से यूरोपीय संघ की अध्यक्षता संभालेगा। जयशंकर ने इससे पहले, यूरोपीय संसद के चेक सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की और यूरोपीय संघ और चेक गणराज्य, भारत प्रशांत, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा और डिजिटल सहयोग के साथ भारत के संबंधों पर चर्चा की। प्राग में, उन्होंने यूरोपीय संसद के चेक सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की।

जयशंकर ने टैगोर को दी श्रद्धांजलि

जयशंकर ने रवींद्रनाथ टैगोर को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। टैगोर की चेक लोगों द्वारा व्यापक रूप से प्रशंसा की जाती है। विदेश मंत्री शनिवार को स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा से प्राग पहुंचे थे। यहां उन्होंने यूरोपीय संसद के चेक सदस्यों (एमईपी) जन ज़हरदिल, टामस ज़ेडचोव्स्की, मिकुलस पेक्सा और वेरोनिका वेरेसीओनोवा के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।

खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर वार्ता

भारत, अमेरिका और कई अन्य देश क्षेत्र में चीन के आक्रामक सैन्य युद्धाभ्यास की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, खुला और संपन्न हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बात कर रही हैं। चीन लगभग सभी विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है। हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम सभी इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं। जयशंकर ने चेक एमईपी के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद रविवार को समय निकालने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

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