तुर्किये को मिला नाटो प्रमुख का समर्थन, कहा- कुर्द विद्रोहियों को लेकर आपत्तियां उचित

नाटो की सदस्यता के लिए तुर्किये की आपत्तियों को सैन्य संगठन के प्रमुख जेंस स्टोल्टेनबर्ग का समर्थन मिला है। रविवार को फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी पहुंचे नाटो महासचिव स्टोल्टेनबर्ग ने तुर्किये की कुर्द विद्रोहियों को लेकर चिंताओं को उचित माना। तुर्किये ने कुर्द विद्रोहियों का समर्थन करने के कारण फिनलैंड और स्वीडन की नाटो में सदस्यता के आवेदन को स्वीकृति नहीं दी है। इससे अमेरिका की इच्छा के बावजूद दोनों देशों की सदस्यता का मसला लटक गया है।

नाटो में इकलौता मुस्लिम देश है तुर्किये

नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) के संविधान के अनुसार नए सदस्य के प्रवेश के लिए सभी देशों का सहमत होना आवश्यक है। तुर्किये संगठन का इकलौता मुस्लिम देश है। स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि अपनी रणनीतिक स्थिति के कारण तुर्किये हमारे लिए महत्वपूर्ण सदस्य है। काला सागर के किनारे स्थित तुर्किये यूरोप और अरब जगत के बीच है। युद्ध के दौरान तुर्की ने यूक्रेन की भी काफी मदद की है। हमें ध्यान में रखना चाहिए कि किसी भी नाटो सदस्य ने तुर्किये से ज्यादा आतंकी हमले नहीं झेले हैं।

जारी रहेगी वार्ता

स्टोल्टेनबर्ग ने संकेत दिया कि नाटो की सदस्यता के लिए समर्थन देने के लिए वार्ता जारी है। जल्द ही मसले का संबद्ध पक्षों को मान्य हल निकाल लिया जाएगा। विदित हो कि यूक्रेन पर रूस के हमले से आशंकित फिनलैंड और स्वीडन ने तटस्थता की नीति को त्याग कर नाटो की सदस्यता के लिए मई में आवेदन किया है। जिसको लेकर तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने नार्डिक देशों पर कुर्द आतंकवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने नार्डिक देशों के नाटो में शामिल होने पर आपत्ति जताते हुए वीटो का इस्तेमाल करने की बात कही है। बीते कुछ हफ्तों से नाटो प्रमुख विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक यह खुलासा नहीं किया कि क्या कोई प्रगति हुई है।

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