
अग्निपथ योजना के विरोध को लेकर देशभर के स्टेशनों पर हाई अलर्ट कर दिया गया है। प्रवेश के पहले गहन जांच और सादी वर्दी में प्रशासन की तैनाती की गई है। दिल्ली के सभी स्टेशनों पर प्रशासन की तरफ से सुबह के वक्त फ्लैग मार्च भी किया गया और प्लेटफॉर्म पर हर व्यक्ति की सीसीटीवी से मॉनिटरिंग की जा रही है ताकि किसी तरह का विरोध, आगजनी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सके।
देश की राजधानी दिल्ली छात्रों का हब है लिहाजा पुलिस प्रशासन की पैनी नजर रखी जा रही है। खासतौर पर छात्र बहुल इलाकों और स्टेशनों पर निगरानी की जा रही है। रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाई गई है। मुख्यालय के आदेश के बाद जीआरपी और आरपीएफ को मुस्तैद किया गया है। स्टेशनों पर हथियारबंद जवानों की तैनाती हुई है।
सादी वर्दी में संवेदनशील स्थानों पर प्रशासन नजर बनाए हुए है। 20 जून को भारत बंद की घोषणा से सतर्क रेलवे द्वारा अपनी यात्री ट्रेनों, मालगाड़ी और रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। खासकर पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली, आनंद विहार, निजामुद्दीन, सराय रोहिल्ला स्टेशनों पर अधिकारियों की तैनाती हुई है।
आम नागरिकों की बढ़ी परेशानी
देशभर में अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे उग्र प्रदर्शन ने रेलवे की समय सारणी भी बिगाड़ दी है। विभिन्न रूटों की लगातार ट्रेनें निरस्त की जा रही हैं। इससे यात्रियों की परेशानी भी बढ़ गई है। ट्रेनों के रद्द होने से लगातार टिकट निरस्त हो रहे हैं और रेलवे को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। आगजनी और हिंसा की घटना को देखते हुई कई लोग खुद भी अपना टिकट निरस्त कर रहे हैं। छुट्टियों पर सैर-सपाटा करने के लिए टिकट आरक्षित कराए लोग भी टिकट रद्द करा रहे हैं।
दिल्ली से संचालित 18 से अधिक ट्रेनें निरस्त रहीं
शनिवार को 18 से अधिक दिल्ली से संचालित होने वाली ट्रेनें निरस्त रहीं। इनमें मुख्य रूप से ट्रेन संख्या (12274, 12304) नई दिल्ली-हावड़ा, आनंद विहार-भागलपुर, नई दिल्ली-राजेंद्र नगर (12310, 12394), नई दिल्ली-गया, आनंद विहार-जोगबनी, आनंद विहार-कामाख्या, नई दिल्ली-सहरसा (02564, 12554), नई दिल्ली-दरभंगा, आनंद विहार-पुरी, आनंद विहार-रांची, दिल्ली-मालदा टाऊन, दिल्ली-अलीपुरद्वार, नई दिल्ली-इस्लामपुर, नई दिल्ली-दरभंगा (02570) ट्रेनें निरस्त कर दी गईं। दरअसल बंगाल, बिहार और यूपी से शुक्रवार को उग्र प्रदर्शन के कारण इनमें कई ट्रेनें निरस्त कर दी गई थीं। लिहाजा वापसी दिशा के लिए भी निरस्त कर दी गई हैं।
मजदूरों के लिए प्लेटफॉर्म ही बना रैन बसेरा
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर आलम यह है कि 200 से ज्यादा मजदूर शुक्रवार सुबह से ही परेशान हैं। पूर्वांचल जाने वाली ट्रेनें निरस्त होने की वजह से उनका रैन बसेरा प्लेटफॉर्म ही बना हुआ है। अन्य स्टेशनों पर भी कई यात्रियों का जमावड़ा है। बिहार के पटना, दरभंगा, मोतीहारी जाने के लिए शुक्रवार को ही पहुंचे ये मजदूर स्टेशनों पर ही रात गुजारने को मजबूर हैं। यात्रियों का कहना था कि रेल प्रशासन की तरफ से किसी तरह की सुविधा नहीं मिल रही है और न ही यह पता चल रहा है कि बिहार के लिए कब ट्रेनें रवाना होंगी।
जंतर-मंतर पर कई संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन
जंतर मंतर पर शनिवार को अग्निपथ योजना के विरोध में कई युवा संगठनों ने प्रदर्शन किया। इसमें एआईडीवाईओ, एआईडीएसओ, महिला संगठन एआईएमएसएस और मजदूर संगठन एआईयीटीयूसी शामिल थे।
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि 14 जून को रक्षा मंत्री ने रोजगार के क्षेत्र में नई योजना अग्निपथ का ऐलान किया। इसके तहत अब से सेना की भर्ती सिर्फ चार साल के लिए होगी और चार साल बाद उन्हें बाहर का रास्ता देखना होगा। उसके बाद न तो पेंशन मिलेगी और न किसी और तरह की सुविधाएं मिलेंगी। इस तरह की नीति युवाओं के साथ धोखा है। लोगों ने युवाओं से अपील की कि आंदोलन को शांतिपूर्ण, अनुशासनबद्ध तरीके से चलाएं।
किसान आंदोलन से सीख लेते हुए इसे दीर्घ स्थायी रूप से तब तक चलाया जाए, जब तक सरकार अग्निपथ को वापस लेने पर मजबूर नहीं हो जाए। आंदोलनकारियों ने सरकार से अग्निपथ योजना को तुरंत रद्द करने, दो साल से लंबित सेना की भर्ती को तुरंत स्थायी आधार पर शुरू करने, सभी तरह की संविदा व्यवस्था पर हुई भर्तियों को नियमित करने, निजीकरण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और सभी सरकारी संस्थानों में खाली पड़े पदों को जल्द स्थायी रूप से भरने की मांग की।
‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन से डरकर युवाओं को तिहाड़ भेज रही सरकार’
अग्निपथ का विरोध कर रहे युवाओं के समूह ‘युवा हल्ला बोल’ का आरोप है कि केंद्र सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शन से डरकर लोगों को तिहाड़ जेल भेज रही है। युवा हल्ला बोल के 11 सहयोगी दो दिन से तिहाड़ जेल में बंद हैं। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम समेत 11 लोग बृहस्पतिवार को कनॉट प्लेस में हरियाणा के युवा बेरोजगार साथियों को श्रद्धांजलि देने आए थे, जिन्होंने योजना से हताश होकर आत्महत्या कर ली।