चीन में उइगरों को लगाए जाते हैं ‘इंजेक्शन’, गवाह ने खोले टॉर्चर के राज इंटरनेशनल कोर्ट से फिर जांच की अपील

अधिवक्ताओं ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) से एक बार फिर अपील की है कि वह उइगर और अन्य मुस्लिम समूहों के प्रति चीन के व्यवहार की जांच शुरू कराए। अधिवक्ताओं ने कहा कि उन्होंने प्रोसेक्यूटर के सामने सबूतों का दस्तवेज पेश किया है। चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिम बहुलता के साथ पाए जाते हैं। कार्यकर्ताओं और अधिवक्ताओं ने चीन पर मानवता के खिलाफ अपराध करने और नरसंहार का आरोप लगाया है।

हालांकि, चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने शिनजियांग में मानवाधिकार उल्लंघन और नरसंहार से जुड़ी सभी रिपोर्ट का जोरदार तरीके से खंडन किया है। इस मामले में सोमवार को वैश्विक अदालत से जांच कराने की दिशा में ताजा प्रयास किया गया। अदालत में साक्ष्य प्रस्तुत करने वाले समूह ने कहा कि इसमें एक गवाह की गवाही शामिल है, जो 2018 में एक शिविर से भाग गया था।

गवाह ने खोले चीन के टॉर्चर के राज
इस भागे गवाह ने आरोप लगाया था कि चीन में उसे और अन्य को प्रताड़ित करने समेत ‘अज्ञात पदार्थों के इंजेक्शन’ सहित अन्य चिकित्सा प्रक्रियाओं से गुजरने के लिए बाध्य किया गया था। नवीनतम दस्तावेज इस मत का भी समर्थन करता है कि है कि चीन के इस अदालत का सदस्य नहीं होने के बावजूद इस मामले में आईसीसी के अभियोजकों का अधिकार क्षेत्र है।

उइगरों को वापस चीन भेजा जा रहा
यह तर्क दिया गया कि कि उइगर समुदाय के लोगों को आईसीसी सदस्य देश के क्षेत्र में एकत्र करके चीन भेजा जा रहा है। ब्रिटिश वकील रॉडनी डिक्सन ने कहा कि अदालत के अभियोजक के कार्यालय में पेश किए गए सबूत इस बात को उजागर करते हैं कि एक आईसीसी सदस्य देश समेत बीजिंग के अन्य पड़ोसी देशों में उइगर मुस्लिमों को एकत्र करके एक योजना के तहत चीन वापस जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है।

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