
योग का महत्व समझना हो तो वाराणसी आएं और बाबा शिवानंद से मिलें। 126 साल की उम्र में भी पद्मश्री बाबा शिवानंद अपने सारे काम खुद करते हैं। स्वस्थ हैं और नियमित दिनचर्या का सख्ती से पालन करते हैं। बाबा शिवानंद की इतनी लंबी उम्र और अच्छी सेहत का श्रेय जाता है योग को। सूर्योदय से पहले बिस्तर छोड़ने वाले बाबा ने अपने जीवन का एक सदी से ज्यादा समय योग को दिया है।
वाराणसी के कबीरनगर में वन बीएचके फ्लैट में रहने वाले बाबा शिवानंद का कहना है कि योग के जरिये इच्छाओं पर नियंत्रण की ताकत मिलती है। खुशहाल जीवन का मार्ग प्रशस्त होता है। बाल्यकाल से ही योग को अंगीकार करने वाले 126 वर्ष के स्वामी शिवानंद पूरी दुनिया में योग के ब्रांड एंबेसडर की तरह हैं। हाल ही में इन्हें पद्मश्री से विभूषित किया गया है
126 साल की उम्र में पद्मश्री सम्मान पाने वाले काशी के बाबा शिवानंद पूरी तरह से स्वस्त्थ हैं और नियमित दिनचर्या का सख्ती से पालन करते हैं। उनकी फुर्ती ऐसी कि देखने वाले दंग रह जाएं। वाराणसी के दुर्गाकुंड इलाके में स्थित आश्रम में तीसरी मंजिल पर स्थित कमरे में निवास करने वाले बाबा शिवानंद दिन में तीन से चार बार बिना किसी सहारे के सीढ़ियां चढ़ते और उतरते हैं।