महाराष्ट्र :सियासी संकट पर सधे स्वर में शिंदे का स्तुतिगान, बोले- एक महाशक्ति हर पल हमारी मदद को तैयार

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महाराष्ट्र में तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम में एकनाथ शिंदे गुट के 37 बागी विधायकों ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर असली शिवसेना होने के साथ दो तिहाई बहुमत का दावा किया है। इससे पहले, सुबह तक बातचीत और वापसी की अपील कर रही शिवसेना ने शाम को 12 और रात में शिंदे गुट के पत्र के बाद सभी 37 बागियों को अयोग्य ठहराने के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल को पत्र लिख दिया। उधर, बागी विधायकों ने बृहस्पतिवार को एकनाथ शिंदे को नेता घोषित कर 46 विधायकों के समर्थन का दावा किया।

इनमें नौ निर्दलीय हैं। वहीं, सीएम उद्धव ठाकरे के पक्ष में महज 13 विधायक ही रह गए हैं। एक दिन पहले बागियों को 24 घंटे में वापसी का अल्टीमेटम देने वाले शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत के सुर बदल गए। कहा-यदि विधायक चाहते हैं, तो पार्टी महाविकास आघाड़ी सरकार से बाहर आ सकती है, पर विधायकों को मुंबई आकर अपनी बात रखनी होगी। जवाब में शिंदे गुट ने साफ कर दिया, ठाकरे इस्तीफा देकर सरकार से बाहर आएं, तब ही कोई बात हो सकती है।

एक दिन पहले बहुमत का दावा कर रहे राउत ने कहा, दरवाजे आपके लिए खुले हैं और मुद्दे सौहार्दपूर्ण बातचीत से सुलझाए जा सकते हैं। गुलामी स्वीकार करने के बदले आत्मसम्मान के साथ फैसला लें। राउत के इस बयान से समझा जा रहा है कि नंबर गेम में फेल होने के बाद ठाकरे ने एक तरह से बागियों के सामने सरेंडर कर दिया है। इससे पहले राउत ने कहा था कि बागियों में 21 लौटना चाहते हैं और पार्टी के संपर्क में हैं।

भावनात्मक अपील का जवाब…उद्धव के नाम खुला खत
शिंदे खेमे के बागी विधायक संजय शिरसाट ने सीएम ठाकरे के नाम खुला पत्र लिखकर दावा किया है कि पार्टी के विधायक पिछले ढाई साल से अपमानित हो रहे थे। अपना मुख्यमंत्री होने के बाद भी उनकी नहीं सुनी जा रही थी। इस लिए शिंदे की अगुवाई में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जाने का फैसला किया।
विधायकों ने कहा-भ्रष्टाचार से शिवसैनिक परेशान
राज्यपाल को बागी विधायकों ने लिखा है, उन्होंने शिंदे को 31 अक्तूबर 2019 को ही एकमत से दल का नेता चुन लिया था। भाजपा के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन भी हुआ था।

  • पत्र के अनुसार, सरकार में भ्रष्टाचार, पुलिस की तैनाती और तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के भ्रष्टाचार से पार्टी में व्यापक असंतोष है। देशमुख के साथ एक और मंत्री नवाब मलिक भी जेल में हैं। उनके अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंध हैं।  
  • शिवसेना द्वारा बागी विध्ाायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल को लिखे पत्र के जवाब में शिंदे ने ट्वीट किया, किसे डराने की कोशिश कर रहे हैं? हमें भी कानून पता है। व्हिप सदन के काम के लिए होता है, बैठक के लिए नहीं। विधायकों के खिलाफ अर्जी देकर हमें डरा नहीं सकते। हम बालासाहेब के असली शिवसैनिक हैं, असली शिवसेना हैं।

सहयोगियों की राय जुदा
शरद पवार बोले-बहुमत का फैसला सदन में : आघाड़ी का साथ छोड़ने संबंधी संजय राउत के बयान के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आनन-फानन करीबियों की बैठक बुलाई। देर शाम पवार ने कहा, आघाड़ी सरकार बचाने की पूरी कोशिश करेंगे। बहुमत का फैसला सदन पटल पर होगा।

कांग्रेस ने कहा-विपक्ष में बैठने को तैयार : राउत के बयान से नाराज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला था। यदि शिवसेना आघाड़ी सरकार से बाहर निकलती है, तो कांग्रेस विपक्ष में बैठने के लिए तैयार है।

उद्धव की अपील के बाद सात और विधायक बागी
उद्धव ठाकरे की बुधवार को भावनात्मक अपील का बागी विधायकों पर असर नहीं हुआ। उल्टे मंत्री गुलाबराव पाटिल समेत 7 और विधायक शिंदे गुट में शामिल होने के लिए गुवाहाटी पहुंच गए। उद्धव के करीबी एमएलसी रवींद्र फाटक एक विधायक के साथ बृहस्पतिवार को बागियों को मनाने गुवाहाटी गए थे, वह भी वहीं रुक गए।

बागी विधायकों ने एकनाथ को चुना अपना नेता
शिवसेना के बागी विधायकों ने एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुन लिया है। शिंदे को नेता चुनने की घटना का वीडियो गुवाहाटी से जारी किया गया है, जिसमें शिंदे ने बिना भाजपा का नाम लिए ही इशारा किया कि उनकी बातचीत पार्टी से हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारी एक राष्ट्रीय पार्टी जो सुपर पॉवर भी है उससे बातचीत हुई है। इस पार्टी ने पाकिस्तान में अपनी ताकत दिखाई है। उन्होंने वीडियो में आगे कहा कि किसी भी स्थिति में पार्टी मदद को तैयार है। इस राष्ट्रीय पार्टी ने हमारे फैसले को ऐतिहासिक बताया है। शिंदे ने कहा कि अब हमारा सुख-दुख एक है और राष्ट्रीय पार्टी हमें कोई कमी नहीं पड़ने देगी। बागी दल का नेता चुने जाने के बाद, शिंदे गुट ने शिवसेना में वापसी का दरवाजा पूरी तरह बंद कर दिया है। वीडियो में दिख रहा है कि तानाजी सावंत ने शिंदे को गुट नेता बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसका वहां मौजूद सभी विधायकों ने एकमत से समर्थन किया।

शिवसेना मुख्यालय और मातोश्री की सुरक्षा बढ़ी

सियासी घमासान के बीच पुलिस ने बृहस्पतिवार को पार्टी मुख्यालय शिवसेना भवन के अलावा ठाकरे परिवार के निवास मातोश्री की सुरक्षा बढ़ा दी है।

अपमानित हो रहे थे विधायक इसलिए बगावत
शिवसेना के बागी विधायक संजय शिरसाट ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम खुला पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने पार्टी नेतृत्व को आईना दिखाया है। शिरसाट ने दावा किया है कि पार्टी के विधायक पिछले ढाई साल से अपमानित हो रहे थे इसलिए एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जाने का फैसला किया।  

औरंगाबाद (पश्चिम) से विधायक संजय शिरसाट ने अपने पत्र में शिवसेना के बागी विधायकों की भावनाएं व्यक्त की हैं। उन्होंने कहा है कि शिवसेना के सत्ता में होने और अपना मुख्यमंत्री होने के बावजूद कभी मुख्यमंत्री के सरकारी आवास वर्षा के आसपास पहुंचने नहीं दिया गया। जबकि मंत्रालय जाने का सवाल ही नहीं था, क्योंकि वहां मुख्यमंत्री कभी आए ही नहीं।

बागी विधायक का उद्धव को खुला पत्र
आदित्य के साथ नहीं दी गई अयोध्या जाने की अनुमति : 
शिरसाट ने कहा कि क्या हिंदुत्व, राम मंदिर और अयोध्या शिवसेना के मुद्दे नहीं हैं। फिर हमें 15 जून को उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे के साथ अयोध्या जाने से क्यों रोका गया। विधायक ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री की तरफ से बताया गया कि कोई भी विधायक आदित्य ठाकरे के साथ अयोध्या नहीं जाएगा।

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