
तीन महीनों से भी ज्यादा समय रूसी हमलों को झेल रहे यूक्रेन को काला सागर में अहम जीत मिली है। अपने युद्धपोतों और नौसैनिक ठिकानों पर यूक्रेन के लगातार हमलों से परेशान होकर रूस की फौजों ने काला सागर में स्थित स्नैक द्वीप खाली कर दिया है। इससे यूक्रेनी बंदरगाहों से होने वाले निर्यातों पर रूसी अवरोध खत्म हो सकेगा।
दूसरी तरफ, मॉस्को ने दावा किया कि उसने सद्भावना के तौर पर स्नैक द्वीप खाली किया है। इस बीच, अमेरिका मे सैन्य सहयोग के तौर पर यूक्रेन को 80 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त मदद देने का एलान किया है।
रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा, यूक्रेन में मानवीय सहायता कार्यक्रम में बाधा न आने देने के लिए वह इस द्वीप से पीछे हटा है। दूसरी तरफ यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रेय येरमक ने ट्वीट किया- तोपों और मिसाइलों के हमलों के नतीजे में रूसी फौजों को वहां से भागना पड़ा है।
दूसरी तरफ, बृहस्पतिवार को रूस ने नाटो द्वारा यूक्रेनी फौजों के आधुनिकीकरण पर सहमत होने के बाद पूर्वी यूक्रेन में हमले तेज कर दिए। रूसी सेना लिसिचंस्क से लोगों को निकालने की कोशिश में है। रूसी सेना व यूक्रेन के अलगाववादियों ने लुहांस्क के 95 फीसदी हिस्से व आधे दोनेस्क पर कब्जा कर लिया है।
पुतिन ने फिनलैंड व स्वीडन को सैन्य तैयारियों पर दी चेतावनी
नाटो सम्मेलन के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेताया है कि यदि फिनलैंड और स्वीडन ने अपने क्षेत्र में नाटो सैनिकों की तैनाती की अथवा उनके सैन्य ढांचे खड़े किए तो रूस प्रतिक्रिया करेगा। इस बीच, उधर, यूक्रेनी खुफिया विभाग के मुताबिक मॉस्को ने 144 यूक्रेनी सैनिकों को रिहा कर दिया है। पिछले माह 2,500 यूक्रेनी सैनिकों ने रूसी सेना के आगे आत्मसमर्पण कर दिया था।
मायकोलीव के भवन पर हमले में 2 की मौत
रूसी सेना ने यूक्रेन के दक्षिणी शहर मायकोलीव में एक भवन पर हमले किए। हमले में 2 यूक्रेनी नागरिकों की मौत हो गई और 3 घायल हो गए। यहां के गवर्नर विटाली किम ने कहा कि अभी यह साफ नहीं है कि हमला बम से किया गया या मिसाइल से।
बोस्निया-हर्जेगोविना में भेजे गए ब्रिटिश सैन्य विशेषज्ञ
ब्रिटेन ने कहा है कि वह रूसी प्रभाव का मुकाबला करने और नाटो मिशन को मजबूत करने के लिए बोस्निया-हर्जेगोविना में सैन्य विशेषज्ञ भेज रहा है। ब्रिटिश पीएम ने कहा, अलगाववाद की आग को भड़काकर रूस इन देशों में पिछले तीन दशकों के लाभ को उलटना चाहता है लेकिन ब्रिटेन ऐसा नहीं होने देगा।
युद्ध प्रभावितों की मदद करेगा भारतीय मूल का ब्रिटिश उद्यमी
लंदन। ब्रिटेन में भारतीय मूल के उद्यमी लॉर्ड राज लुंबा ने युद्ध प्रभावित परिवारों की मदद के लिए धन जुटाने की घोषणा की है। वे यूक्रेन से विस्थापित होकर ब्रिटेन पहुंचे लोगों को दोबारा नया जीवन शुरू करने के लिए करीब 60 हजार पाउंड जमा करेंगे।
लुंबा ने कहा, हम यूक्रेन से विस्थापित महिलाओं व उनके आश्रितों की मदद के लिए उन्हें सौ वाउचर देंगे, ताकि वे यहां की दुकानों से कपड़े और जरूरी सामान खरीद सकें। उनका लुंबा फाउंडेशन विस्थापितों की मदद के लिए पहले से काम करता रहा है।