
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को किसान यूनियनों की अधिकांश मांगे मान ली हैं। इसके बाद किसान नेताओं ने तीन अगस्त को अपना प्रस्तावित आंदोलन खत्म करने पर सहमत जताई। बैठक के बाद मुख्यमंत्री मान ने कहा कि मैं किसानों की भलाई के लिए पूर्ण तौर पर वचनबद्ध हूं और मेरे कार्यकाल के दौरान किसानों को अपनी सच्ची मांगों के लिए धरना-प्रदर्शन नहीं करना पड़ेगा।
चंडीगढ़ में देर रात पंजाब भवन में किसान यूनियन के साथ लंबी बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि शुगरफेड को गन्ना किसानों को 195.60 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। इसमें 100 करोड़ रुपये इस साल 15 अगस्त तक और बाकी 95.60 करोड़ रुपये आगामी सात सितंबर तक अदा कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिलों की बकाया सभी राशि सात सितंबर तक अदा कर दी जाएगी। भगवंत मान ने कहा कि फगवाड़ा शुगर मिल को छोड़कर बाकी सभी निजी चीनी मिलों ने भी भरोसा दिया है कि वह किसानों की बकाया राशि सात सितंबर तक अदा कर देंगे।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार किसानों को पराली न जलाने पर वित्तीय सहायता देने की कार्ययोजना पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि धान की सीधी बुवाई करने वाले किसानों की जांच की प्रक्रिया चल रही है और प्रक्रिया मुकम्मल होते ही सीधी बुवाई की तकनीकी अपनाने वाले किसानों को वित्तीय दी जाएगी। एक अन्य मांग पर भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार कोविड और अन्य समय के दौरान किसानों के विरुद्ध दर्ज सभी केस को रद्द करने का रास्ता तलाशेगी। वहीं किसानों के विरुद्ध रेलवे पुलिस द्वारा दर्ज मामलों को वह केंद्र सरकार के सामने उठाएंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार किसानों को गेहूं और चावल के चक्र से बाहर निकाल कर कृषि को लाभदायक बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान शहीद किसानों को नौकरियां देने की प्रक्रिया पहले ही जारी है और किसानों के बाकी बचे परिवारों को भी जल्द ही मुआवजा दिया जाएगा।