नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। राहुल गांधी और सोनिया गांधी से ईडी की ओर से घंटों पूछताछ की जा चुकी है। इसके काउंटर में कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने की तैयारी में है।
शुक्रवार को दिल्ली में महंगाई के विरोध में निकाले प्रोटेस्ट मार्च के बाद हर राज्य में इस तरह के प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई जा रही है। ताकि जनता के बीच में महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी और भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया जा सके।
कांग्रेस इसी महीने 9 से 15 अगस्त के बीच पद यात्रा निकालने जा रही है। हर जिले में कांग्रेसी 75 किलोमीटर की पैदल यात्रा निकालेंगे। डेढ़ महीने बाद कांग्रेस नेताओं की ओर से दो अक्टूबर से भारत जोड़ो पद यात्रा देश भर में निकाली जाएगी। इसके जरिए भी महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश होगी।
2024 तक कांग्रेस की ओर से लगातार एक के बाद एक प्रोग्राम तय किए जाएंगे, जिससे सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में आसानी हो सके। इसके लिए राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल सहित देशभर के बड़े कांग्रेसी नेताओं को मैदान में उतारा जा रहा है।
पहली बार 8 साल सत्ता से बाहर कांग्रेस, सड़कों पर संघर्ष
देश की आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस आठ साल से अधिक समय से सत्ता से बाहर है। कांग्रेस एक मजबूत विपक्ष के तौर पर भी अपनी पहचान नहीं बना पाई है। एक के बाद एक राज्य कांग्रेस हारते जा रही है। वो केवल राजस्थान और छत्तीसगढ़ तक सिमट गई है। जबकि झारखंड और तमिलनाडु में गठबंधन सरकार में शामिल है। तमाम युवा और जनाधार वाले नेता पार्टी का दामन छोड़ रहे हैं, जिसके चलते कांग्रेस मुश्किल दौर से गुजर रही है।
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी पर नेशनल हेराल्ड मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। जिसकी जांच ईडी कर रही है। इससे देश में सियासी माहौल गरमाया हुआ है। राहुल और सोनिया का बचाव करने के लिए पहली बार कांग्रेस के नेता से लेकर कार्यकर्ता तक सड़कों पर उतरे। कांग्रेस दिग्गजों ने दिल्ली में डेरा डाले रखा। उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस नेता देशभर में सड़कों पर नजर आए।
सोनिया-राहुल के लिए एक जुट हुए कांग्रेसी
हर राज्य में कांग्रेस के बीच खेमाबंदी है। शायद ही ऐसा कोई राज्य है, जहां पर कांग्रेस के भीतर गुटबाजी न हो, लेकिन सोनिया- राहुल गांधी के नाम पर एक दूसरे के विरोधी नेता गुटबाजी भूलकर एक मंच पर आ रहे हैं, जिससे सियासी संदेश गलत न जाए।
राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव इस मुद्दे पर एकजुट नजर आ रहे हैं। इसी तरह हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड सहित सभी राज्यों में कांग्रेसी सोनिया-राहुल के लिए आपसी विरोध भूलकर एक दूसरे का साथ दे रहे हैं।
कांग्रेस के नेताओं ने काले कपड़े पहनकर किया विरोध
शुक्रवार को महंगाई के विरोध में कार्यकर्ता से लेकर नेता तक काले कपड़े में नजर आए। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित तमाम कांग्रेस के नेता काले कपड़े में नजर आए। प्रियंका गांधी तो काले कपड़े में सड़कों के बीच में बैठ गई थीं।