श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे सिंगापुर में 28 दिन रहने के बाद अब थाईलैंड पहुंच गए हैं। सिंगापुर में वो परमानेंट रेसीडेंशियल परमिशन चाहते थे, लेकिन वहां की सरकार ने उन्हें यह मंजूरी नहीं दी। थाईलैंड के बारे में भी कहा जा रहा है कि राजपक्षे वहां कुछ दिन ही रह सकेंगे, क्योंकि उनके पास वहां का भी विजिटिंग वीजा ही है।
श्रीलंकाई मीडिया के मुताबिक, अब तक यह साफ नहीं है कि राजपक्षे इसके बाद कहां जाएंगे, क्योंकि अब तक किसी भी देश ने उन्हें रेसीडेंशियल या परमानेंट वीजा जारी नहीं किया है। राजपक्षे की पार्टी ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति जल्द ही देश लौट आएंगे। हालांकि, इसकी कोई तारीख नहीं बताई गई है।
13 जुलाई को छोड़ा था देश
देश में अपने खिलाफ भड़के असंतोष के बाद राजपक्षे ने परिवार के साथ 13 जुलाई को श्रीलंका छोड़ दिया था। इसके बाद वो सिंगापुर पहुंचे। यहीं से उन्होंने पद से इस्तीफा मेल किया था। सिंगापुर ने दो बार में उन्हें 28 दिन रहने की मंजूरी दी। इसके बाद इसे बढ़ाने से इनकार कर दिया। श्रीलंका के कई संगठनों ने सिंगापुर से राजपक्षे के खिलाफ केस दर्ज करने को कहा था। हालांकि, इसके पहले ही उन्होंने यह देश छोड़ दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोटबाया गुरुवार दोपहर सिंगापुर से एक रूटीन फ्लाइट से थाईलैंड रवाना हुए।
थाईलैंड सरकार ने पुष्टि की
थाईलैंड सरकार ने गुरुवार को ही साफ कर दिया था कि श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति ने देश आने की मंजूरी मांगी थी। उन्हें फिलहाल विजिटिंग वीजा दिया गया है। बयान में ये भी कहा गया है कि मानवीय आधार पर 73 साल के राजपक्षे को विजिटिंग वीजा दिया गया है। खास बात यह है कि थाईलैंड का वीजा सशर्त दिया गया है। बयान के मुताबिक- राजपक्षे यहां रहकर किसी दूसरे देश में स्थायी शरण पाने के लिए कोशिश कर सकते हैं। लेकिन, वो यहां से श्रीलंका से जुड़ी किसी पॉलिटिकल एक्टिविटी में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। माना जा रहा है कि राजपक्षे बैंकॉक में 90 दिन रह सकते हैं। मालदीव और मॉरिशस ने उन्हें राजनीतिक शरण देने के मामले में अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।