
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) और उत्तराखंड (Uttarakhand) में बादल फटने (Cloud Burst) के कारण प्राकृतिक आपदा आ गई है।भारी बारिश होने की वजह से तबाही का मंजर है। मंडी जिला में मूसलाधार वर्षा, भूस्खलन व बादल फटने से एक बच्ची की मौत हो गई है और करीब 15 लोग लापता हैं।
ऐसा ही कुछ हाल आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड का भी है। शुक्रवार को देर रात बादलों ने उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में जमकर कहर बरपाया। देर रात देहरादून (Dehradun) के मालदेवता में बादल फटने से सात घरों के बह जाने की सूचना है। वहीं सरखेत से 40 लोगों का रेस्क्यू किया गया है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि किसी स्थान पर एक घंटे के दौरान 10 सेमी यानी 100 मिमी से अधिक बारिश होती है तो इसे बादल फटना कहते हैं। आसान शब्दों में कहे तो एक जगह पर एक साथ अचानक बहुत बारिश हो जाना बादल फटना कहलाता है। इसे फ़्लैश फ्लड (flash flood) कहकर भी बुलाया जाता है।
बादल फटने की घटना तब होती है जब पानी से भरे बादल पहाड़ों के बीच आकर फंस जाते हैं क्योंकि पहाड़ों की ऊंचाई की वजह से ये आगे बढ़ नहीं पाते हैं। पानी की बूंदे एक साथ आपस में जमती जाती हैं।