दिल्ली विधानसभा सत्र:विधानसभा का विशेष सत्र शुरू,सत्र सुबह 11 बजे शुरू हुआ

दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र शुक्रवार को बुलाया गया है। आबकारी नीति, उपमुख्यमंत्री के आवास पर छापे, आप विधायकों को पार्टी छोड़ने के लिए 20-20 करोड़ के कथित ऑफर समेत दूसरे सियासी मसलों पर सत्ता पक्ष व विपक्ष एक-दूसरे पर हमलावर रहेंगे। उधर, मुख्यमंत्री व उपराज्यपाल के बीच नियमित साप्ताहिक बैठक इस बार शुक्रवार को नहीं होगी। मुख्यमंत्री इस दौरान विशेष सत्र में मौजूद रहेंगे।

विधानसभा का विशेष सत्र सुबह 11 बजे शुरू हुआ। विधानसभा अध्यक्ष की गैर-मौजूदगी में उपाध्यक्ष ने इसकी जानकारी विधायकों को भेज दी। यह सातवीं विधानसभा के तीसरे सत्र के तीसरे भाग की बैठक बुलाई गई है। बता दें कि तीसरे सत्र के दूसरे भाग की बैठक 5 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई थी। 

सदन से सड़क तक घेरेगी भाजपा
भाजपा ने दिल्ली सरकार को शराब नीति पर सदन से सड़क तक घेरने ने की नीति तैयार की है। शुक्रवार को विधानसभा सत्र में भाजपा विधायक सदन में सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने का एलान किया है तो वहीं, प्रदेश भाजपा कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन करेंगे। 

विधानसभा सत्र बुलाने के लिए नियमों का पालन करवाएं एलजी 
भाजपा विधायक दल ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि विधानसभा सत्र बुलाने के लिए नियमों का पालन करवाएं। सरकार अगर नियमों को नहीं मानती है तो विधानसभा भंग कर दी जाए। इस बाबत विधायक दल की एक बैठक भी हुई, जिसमें कहा गया कि दिल्ली विधानसभा को आपकी सरकार ने राजनीति का अखाड़ा बना दिया है। विधायक दल की बैठक के बाद विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा का एक दिन का सत्र नियमों को तोड़कर बुलाया गया है। 

केजरीवाल सरकार जनता के मुद्दों पर बात नहीं करना चाहती। शुक्रवार को आबकारी नीति पर बात करने के लिए सिर्फ एक दिन का सत्र बुलाया गया है जिसके लिए किसी नियम का पालन नहीं किया गया। भाजपा विधायकों ने कहा कि हैरानी की बात ये है कि इस सत्र में न तो प्रश्नोत्तर होता है और न ही सदस्यों को अल्पकालिक चर्चा के विषय उठाने की अनुमति दी जाती है। 

मुख्यमंत्री सदन से माफी मांगें : कांग्रेस
कांग्रेस ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है। प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार ने मुख्यमंत्री से विधानसभा के एक दिवसीय सत्र में सदन से माफी मांगने की मांग की है। प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के बयान को गुमराह करने वाला बताया। साथ ही आरोप लगाया कि कट्टर ईमानदारी का चोला पहनने का दावा करने वाले भ्रष्टाचार में कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आबकारी नीति इतनी फायदेमंद थी तो इसे वापस क्यों लिया गया।

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