
बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया सिस्टम के कारण महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से सटे मध्यप्रदेश के इलाकों में बारिश हो रही है। अगले 24 घंटे तक यहां पर रिमझिम बारिश के आसार बने रहेंगे। 12 सितंबर को नया सिस्टम एक्टिव हो जाएगा। यह उड़ीसा के पास बन रहा है। इससे भोपाल-इंदौर समेत प्रदेशभर में सोमवार को जमकर बारिश होगी। उसके बाद भोपाल समेत 5 संभागों में 48 घंटे तक बारिश का जोर रहेगा। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि यह सितंबर का सबसे स्ट्रांग सिस्टम है। तीन दिन तक प्रदेश के कई इलाकों में अच्छी बारिश होगी। 13 और 14 सितंबर को इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल के कुछ इलाकों को छोड़कर अच्छी बारिश की उम्मीद है।
मध्यप्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से सटे कुछ इलाकों में रिमझिम से मध्यम बारिश हुई। अगले 5 दिन भोपाल, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, निवाड़ी, दमोह, पन्ना, टीकगमढ़, सागर, छतरपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना, रीवा, मंडला, सिवनी, नरसिंहपुर, बालाघाट, जबलपुर, छिंदवाड़ा, कटनी, डिंडोरी, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, श्योपुरकलां, मुरैना, भिंड, शिवपुरी, ग्वालियर, गुना, अशोक नगर, झाबुआ, खरगौन, खंडवा, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर, इंदौर, धार और राजगढ़ में कहीं-कहीं बारिश होगी।
बारिश कोटे से 5 इंच ज्यादा
मध्यप्रदेश में 1 जून से अब तक करीब 40 इंच बारिश हो चुकी है। सामान्य रूप से अब तक 35 इंच बारिश होना चाहिए। यह सामान्य से 16% ज्यादा है। पूर्वी मध्यप्रदेश की स्थिति ज्यादा ठीक नहीं है। छतरपुर, दमोह, डिंडोरी, जबलपुर, कटनी, पन्ना, रीवा, सतना, सीधी, शहडोल, सिंगरौली, उमरिया और टीकमगढ़ में सामान्य से कम बारिश हुई है। हालांकि रीवा और सीधी ही दो ऐसे इलाके हैं, जहां पर अभी तक कोटे की 70% तक बारिश नहीं हुई है। । पश्चिमी मध्यप्रदेश में दतिया (32%) अलीराजपुर (30%) और झाबुआ (26%) ही ऐसे इलाके हैं, जहां पर बारिश का कोटा सामान्य से कम रहा है.