
पंजाब में पनप रहे गैंगस्टर वाद के खिलाफ पहली बार इतने बड़े स्तर पर कार्रवाई हुई है। यह भी पहली बार है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने खुद मोर्चा संभाला है। इसकी सबसे बड़ी वजह है गैंगस्टरों का पाकिस्तान से कनेक्शन। गैंगस्टरों को हथियार ही नहीं, विस्फोटक सामग्री तक सीमा पार से मुहैया कराई जा रही है। इससे केंद्रीय गृह मंत्रालय की भी नींद उड़ी हुई है।
एनआईए ने कई राज्यों में जिस तरह एक साथ दबिश दी है, उससे साफ जाहिर है कि केंद्र ने गैंगस्टरों के पाक कनेक्शन को गंभीरता से लिया है। देश भर में बढ़ता इन गैंगस्टरों का नेटवर्क भी चिंता का सबब है। इनका आपसी तालमेल इतना जबरदस्त है कि ये देश के किसी भी कोने में वारदात करा सकते हैं। कुछ गिरोह विदेश से संचालित हो रहे हैं।
कुछ मामलों की पड़ताल में पंजाब के गैंगस्टर्स का आईएसआई और खालिस्तानी आतंकियों से संबंध सामने आया था। इसके बाद एनआईए ने नीरज बवाना, लॉरेंस बिश्नोई और टिल्लु ताजपुरिया जैसे 10 गैंगस्टर की सूची बनाई थी। इन गिरोह पर एजेंसियों की नजर थी। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की गोद में बैठा नामी गैंगस्टर हरविंदर रिंदा बब्बर खालसा का कुख्यात आतंकी बन चुका है।
पंजाब में नामी गैंगस्टरों समेत 27 बदमाश उसके सीधे संपर्क में हैं। करीब 1500 युवा उससे जुड़े हैं। इसका फायदा आईएसआई ले रही है। रिंदा पर पंजाब में 50 हजार का नकद इनाम भी था। इसके अलावा गैंगस्टर दिलप्रीत ढाहा, जयपाल भुल्लर, प्रदीप चाना, गुरजोत गरचा, हरजिंदर सिंह आकाश से भी उसका संबंध है।
गैंगस्टरों की गिरफ्तारी के बाद मोबाइल कॉल्स व फॉरेंसिक जांच में पता चला कि गैंगस्टरों को पाक से रिंदा का फोन आता रहता था। गैंगस्टर जयपाल भुल्लर को पंजाब पुलिस ने कोलकाता में मुठभेड़ में मार गिराया था। उसके मोबाइल में भी रिंदा का नंबर मिला था। चंडीगढ़ में सरपंच सतनाम सिंह हत्याकांड के वायरल वीडियो में भी गैंगस्टर दिलप्रीत बाबा के साथ रिंदा दिखा था।
रिंदा ने दिलप्रीत के साथ मिलकर सतनाम की हत्या कर दी थी। पुलिस रिंदा को दबोचने में विफल रही। बाद में वह पाकिस्तान में बैठकर पंजाब का माहौल खराब करने में लगा। एनआईए सूत्रों के मुताबिक, पंजाब से लेकर महाराष्ट्र तक रिंदा ने नेटवर्क तैयार कर रखा था। एजेंसियों के एक उच्चाधिकारी के मुताबिक रिंदा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से कम से कम 1500 युवाओं से जुड़ा हुआ है और उसने पाकिस्तान पहुंचने के बाद भी अपने नेटवर्क को मजबूत रखा।
आतंकवाद की आड़ में पैसा कमा रहे गैंगस्टर
गैंगस्टर आतंकवाद की आड़ में पैसा कमा रहे हैं। चिंता का विषय यह है कि ज्यादातर संगठित गिरोह हैं और सीमा पार से हथियार हासिल करने के लिए आतंकी मॉड्यूल के संपर्क में हैं। सूत्रों के मुताबिक, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, यूके, कनाडा और अमेरिका में बसे खालिस्तान समर्थक भारत की संप्रभुता और अखंडता को भंग करने के इरादे से अपने स्तर पर अभियान चला रहे हैं।
मोहाली में पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर ग्रेनेड से हमला किया गया था। इस हमले के पीछे खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा और लॉरेंस गिरोह का हाथ था। आंकड़े बताते हैं कि इस साल के पहले 100 दिनों के दौरान राज्य में 158 हत्याएं हुई हैं।
सेना भी तलाश रही आतंकी कनेक्शन
सेना की खुफिया विंग के पास भी यह जानकारी है कि गैंगस्टर आईएसआई के इशारे पर काम कर रहे हैं। पूर्व में कई आईएसआई एजेंट पकड़े जा चुके हैं जिनके पास से वेस्टर्न कमान की जानकारी मिली है। लिहाजा सैन्य एजेंसियों ने भी इस मामले में जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। सैन्य अधिकारी केंद्रीय एजेंसियों से भी संपर्क कर सकते हैं।