
पिता डॉक्टर विनोद कुमार आर्य और भाई अंकित आर्य की सत्ता से नजदीकी के चलते पुलकित हमेशा चर्चाओं में रहा है। पिता और भाई की राजनीतिक पहुंच का पुलकित फायदा उठाता रहा। बीएएमएस की परीक्षा में अपनी जगह दूसरा अभ्यर्थी बैठाने का मामला हो या फिर कोरोनाकाल में उत्तराखंड सरकार लिखी गाड़ी में बैठकर पहाड़ों में कीड़ा जड़ी लेने के लिए जाने का।
गलत करतूतों ने उसे अब जेल में पहुंचा दिया है। पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य भाजपा सरकार में दर्जाधारी रह चुके हैं। उसका भाई डॉ. अंकित आर्य अन्य राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष थे। हाल ही में दोनों को पार्टी से हटा दिया गया।
बीएएमएस 2016 बैच के छात्र पुलकित ने अपनी जगह किसी अन्य को परीक्षा में बैठाया था। उसके शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच की गई थी तो हाईस्कूल में किसी अन्य का फोटो और इंटरमीडिएट में दूसरे का फोटो लगा मिला था। वहीं काउंसिलिंग में किसी तीसरे का फोटो मिला। इसमें उसको चार्जशीट किया गया था।
कॉलेज परिसर में कार में बैठकर तेज आवाज में स्पीकर बजाने और शराब पीने के आरोप भी उस पर लगते रहे। कोरोनाकाल में पुलकित पिता की उत्तराखंड सरकार लिखी कार लेकर पहाड़ों में कीड़ा जड़ी लेने पहुंचा था, जहां गांव वालों ने उसका विरोध किया।
वहीं, अब अंकिता हत्याकांड के बाद पुलकित के रिजॉर्ट में भी दबंगई के साथ रहने की बातें सामने आई हैं। पुलकित कर्मचारियों को डराता धमकाता था। वह उन्हें सजा भी देता था। पुलकित को न पुलिस प्रशासन का डर था ना घर की इज्जत का। रिजॉर्ट में भी शराब पार्टी और जिस्मफरोशी का धंधा चल रहा था