
उत्तराखंड क्रांति दल के प्रदेश बंद का पछवादून में मिला-जुला असर दिखाई दिया। सेलाकुई और साहिया में व्यापारियों ने प्रतिष्ठान बंद कर समर्थन किया। वहीं विकासनगर व हरबर्टपुर में बाजार खुले रहे।
दो अक्तूबर 1994 को दिल्ली जा रहे उत्तराखंड राज्य के आंदोलनकारियों पर मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा पर किए गए अत्याचारों के आरोपियों पर अभी तक कार्रवाई नहीं किए जाने व पहाड़ की बेटी अंकिता की हुई निर्मम हत्या के विरोध में उक्रांद के प्रदेशव्यापी बंद का विकासनगर व हरबर्टपुर में असर दिखाई नहीं दिया। क्षेत्र के कई सामाजिक संगठनों ने भी बंद का समर्थन करते हुए बाजार के व्यापारियों से अपनी दुकानों को बंद रखने का आह्वान किया था, लेकिन बाजार प्रतिदिन की भांति नियमित रूप से खुले रहे। उधर सेलाकुई में व्यापारियों ने अपनी दुकानों को दोपहर तक बंद रखकर घटनाओं पर विरोध जताया। सेलाकुई व्यापार मंडल के अध्यक्ष चैतन्य अनिल गौड, शूरवीर सिंह चौहान ने इस दौरान सरकार से अंकिता हत्याकांड के आरोपियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की।
बाजार बंद रखकर विरोध दर्ज कराया
व्यापार मंडल व कृषि मंडी के व्यापारियों की समिति के आह्वान पर क्षेत्र में सभी बाजार व मंडी स्थित व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। व्यापारियों ने रामपुर तिराहा कांड व अंकिता हत्याकांड के आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
व्यापार मंडल व कृषि मंडी स्थित व्यापारिक प्रतिष्ठानों के संचालकों ने बंद के समर्थन में शनिवार की देर शाम ही बैठक करके सभी व्यापारियों से सहयोग की अपील की थी, जिसका असर बाजार में व्यापक स्तर पर दिखाई दिया। दोपहर के समय तक बाजार व मंडी परिसर में सन्नाटा छाया रहा। साहिया व्यापार मंडल के अध्यक्ष विनोद कुमार भसीन, कृषि उत्पादन मंडी समिति व्यापारी समिति के अध्यक्ष राजेश जैन, अनंतराम जोशी, नरेश दत्ता, सुभाष भाटी, मोहनलाल शर्मा, रविंद्र पाल सिंह ने कहा कि प्रदेश में हुए अंकिता हत्याकांड ने सबको हिलाकर रख दिया है। घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।