
युवा न्याय संघर्ष समिति उत्तराखंड ने एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा। जिसमें अंकिता हत्याकांड में वीआईपी का नाम उजागर करने, विधानसभा भर्ती घोटाले के मुख्य दोषी कैबिनेट मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की गई। कार्रवाई न होने पर धरना, प्रदर्शन, क्रमिक अनशन, आमरण अनशन की चेतावनी दी गई।
युवा न्याय संघर्ष समिति के संयोजक अरविंद हटवाल ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में एसआईटी चार्जशीट दाखिल करने वाली है लेकिन एआईटी ने हत्याकांड में शामिल वीआईपी गेस्ट का नाम उजागर नहीं कर पाई। वहीं प्रतिभावान युवाओं का हक मारकर अपने नजदीकियों को बैकडोर से विधानसभा में भर्ती करने वले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल को अभी तक बर्खास्त नहीं किया गया है, जोकि न्यायोचित नहीं है।
समिति की सदस्य ऊषा चौहान व कहा कि अंकिता हत्याकांड की जांच सीबीआई से होनी चाहिए। स्थानीय जांच एजेंसियां इस मामले की जांच राजनीतिक दबाव में करेंगी। विधानसभा में नियमों को ताक पर रखकर बैकडोर भर्तियां करने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल जैसे तमाम नेताओं के खिलाफ न्यायिक जांच के साथ ही कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। जिससे जनता में विश्वास पैदा हो सके।