
वाराणसी के ज्ञानवापी को लेकर शुक्रवार को अलग-अलग मामलों में सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और जिला अदालत में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक कथित शिवलिंग का संरक्षण जारी रखने का आदेश दिया है। यानी शिवलिंग को सुरक्षित रखा जाएगा। कोर्ट ने कहा कि शिवलिंग को कोई छुएगा नहीं।
कोर्ट ने इससे पहले 12 नवंबर तक वजूखाने के संरक्षण का आदेश दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे कराने की मांग पर अब 28 नवंबर को सुनवाई करेगा। वहीं शृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी की जिला कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 5 दिसंबर तय की है।
ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में 16 मई को कोर्ट कमीशन के सर्वे के दौरान एक संरचना मिली थी। हिंदू पक्ष ने इसे शिवलिंग तो मुस्लिम पक्ष ने फव्वारा बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस संरचना को संरक्षित करने का आदेश जारी किया था। यह आदेश 12 नवंबर तक के लिए था। हिंदू पक्ष ने 12 नवंबर से पहले इसके संरक्षण की समय सीमा बढ़ाने के लिए याचिका दाखिल की थी। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन की याचिका पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बेंच बनाकर इस मामले की सुनवाई करने का आदेश दिया था।
ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण ASI यानी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से कराए जाने के मामले पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई जस्टिस प्रकाश पांडिया की सिंगल बेंच में हुई। ज्ञानवापी परिसर का ASI से सर्वेक्षण कराने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई है। सुनवाई की अगली डेट 28 नवंबर को दी गई है।
ASI ने इससे पहले की सुनवाई पर अपना हलफनामा दायर किया था। हाईकोर्ट में 31 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई पर दायर अपने हलफनामें में ASI ने कहा था कि अगर कोर्ट आदेश देगी तो वह ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कर सच्चाई का पता लगाने की कोशिश करेगी। बता दें कि ASI से सर्वे के फैसले को इंतजामिया मसाजिद कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है।