
शहर सहित जिले में ऑफलाइन बिलिंग शुरू की गई है, जिसको लेकर आम उपभोक्ताओं के सामने दोहरी मुश्किल खड़ी हो गई है। क्योंकि लोगों के मोबाइल पर बिजली बिल के फर्जी मैसेज भी आ रहे हैं। जिस पर भरोसा करने पर लोगों के खाते से राशि कट रही है। बिजली कंपनी की ओर से जारी होने वाले बिल के मैसेज पर भरोसा नहीं करने की स्थिति में बकायादार की श्रेणी में आ रहे हैं और समय पर राशि जमा नहीं करने पर पेनल्टी भी लग रही है और बिजली कनेक्शन काटे जाने की कार्रवाई की जा रही है।
फर्जी बिजली बिल के मैसेज से धोखाधड़ी का शिकार होने वाले तथा इस तरह के मामले लगातार सामने आने की वजह से लोग बिल के मैसेज पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। बिजली कंपनी के शहर के सभी नौ जोन पर डिजिटल बिलिंग की शुरूआत की गई है, जिसमें लोगों के मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से बिल भेजे जा रहे हैं। बिल की प्रति का घर-घर पर वितरण बंद कर दिया है।
ऐसे समझे असली और फर्जी मैसेज
एमपीडब्ल्यू-झेड से बिल आता है। उसे सही मानकर बिल की राशि जमा कर सकते हैं। बिल की राशि देखकर भी अनुमान लगाया जा सकता है कि बिल सही है या नहीं। बिजली कंपनी कभी भी लिंक के माध्यम से या मोबाइल नंबर से बिल जारी नहीं करती हैं। खासकर ऐसे मैसेज पर भरोसा नहीं करें जिसमें लिखा है कि आपका बिजली कनेक्शन कटने वाला है। उर्जस एप पर जाएंगे तो आपके बिल की पूरी डिटेल सामने आ जाएगी। इसी एप के माध्यम से बिल की राशि जमा करें। फर्जी मैसेज और बिजली कंपनी के मैसेज में अंतर है। एमपीडब्ल्यू-झेड से आने वाले मैसेज को सही माना जा सकता है। इसे खोलेंगे तो बिल की राशि का पता लग जाएगा।
पेपर लैस प्रणाली को बढ़ाने के लिए डिजिटल बिलिंग
पेपर लैस प्रणाली को बढ़ाने और लोगों को समय पर बिजली बिल जारी करने के लिए यह सुविधा शुरू की है। बिजली कंपनी के पूर्व शहर संभाग और पश्चिम शहर संभाग के सभी नौ जोन पर लोगों को एसएमएस या मेल के माध्यम से बिल जारी किए जा रहे हैं।