
भोपाल में आज प्रदेशभर के किसान बड़ा आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और किसान नेता एक बार फिर विधानसभा का 7 दिन का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग है कि इसमें सिर्फ खेती-किसानी से जुड़े मुद्दे और समस्याओं पर ही चर्चा हो। किसान संघ के प्रोग्राम में आईडीए (इंदौर विकास प्राधिकरण) को भंग करने की मांग भी की गई।
किसान संघ के आंदोलन की संयोजक गिरजभान ठाकुर ने कहा कि अगले आंदोलन में प्रदेशभर से महिलाएं भी जुटेंगी। सरकार के मंत्री और विधायकों को चूड़ियां सौंपी जाएंगी। संघ के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य नानजी आकले ने कहा- मैं जैसा समझता था वैसा मध्यप्रदेश का किसान सुखी नहीं है, दुखी है। ये दुर्भाग्य की बात है। ये दुर्भाग्य मध्यप्रदेश में शासनकर्ताओं की वजह से है। ये उनके निकम्मेपन का उदाहरण है। मध्यप्रदेश सरकार जिंदा है तो दिखाए।
किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष आंजना ने कहा, किसानों की समस्याओं के लिए राजनेता और अधिकारी दोनों जिम्मेदार हैं। अधिकारियों को ये नहीं पता कि आलू जमीन के नीचे लगता है या ऊपर। सरकार कलेक्टर, एसडीएम को गांवों में भेजे। कलेक्टर गांव में जब तक रुकेंगे नहीं, समस्या हल नहीं होगी।
दोपहर 3 बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी किसानों के बीच इस आंदोलन में पहुंचे। मंच पर CM के सामने ही किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनिमोहन मिश्रा ने कहा- सरकारी सिस्टम नहीं सुधरा तो तहसील ऑफिस का घेराव करेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी किसान आंदोलन में दोपहर करीब 3 बजे पहुंचे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने किसान आंदोलन पर कहा, सरकार किसानों की है। किसान जो कहेंगे, हम सुनेंगे, समस्या का हल करेंगे।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान आंदोलन पर कहा, सरकार किसानों की है। किसान जो कहेंगे, हम सुनेंगे, समस्या का हल करेंगे।
18 मुद्दों में खाद-बीज से लेकर हर बिंदू शामिल
भारतीय किसान संघ के बैनर तले 18 मांगों पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन के मंच को फूलों के साथ टोकरियों में फल और सब्जियां रखकर सजाया गया है। भाकिसं के ‘किसान शक्ति शंखनाद, ग्राम सभा से विधानसभा’ के तहत हो रहे कार्यक्रम में प्रदेशभर से हजारों किसान जुटे हैं। इसे लेकर एमवीएम कॉलेज में बड़ा पंडाल बनाया गया है। जिला और तहसील स्तर से किसानों को जुटाने के लिए पिछले 4 महीने से तैयारियां चल रही थीं। ऐसे में सरकार की टेंशन भी बढ़ सकती है।
जिन 18 मुद्दों को लेकर किसान भोपाल में जुटे हैं, उनमें खाद, बीज, मुआवजा, भावांतर समेत हर बिंदू शामिल हैं। किसानों की मांग है कि अनाज और सब्जियों पर भावांतर योजना लागू की जाए। इससे उन्हें मंडियों में कम दाम न मिले। सबसे बड़ा मुद्दा विधानसभा सत्र बुलाने का ही है। किसान चाहते हैं कि विधानसभा का 7 दिवसीय विशेष सत्र बुलाकर सरकार सिर्फ उन्हीं से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करे।