Delhi : एम्स में साइबर संकट बरकरार, सर्वर बचाने में जुटीं राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां,

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली का सर्वर दो दिन बाद भी ठीक नहीं हो पाया है। सुरक्षा कारणों से बृहस्पतिवार शाम को एम्स का लैन इंटरनेट सर्वर भी बंद करना पड़ा। एम्स परिसर में अभी मोबाइल इंटरनेट सेवा से काम चलाया जा रहा है। वहीं, देर शाम एम्स प्रबंधन ने कंप्यूटर शाखा से जुड़े दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। एम्स प्रबंधन ने एक बयान में रैनसमवेयर साइबर हमले की आशंका जताई थी लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है।

सूत्रों का कहना है कि आईटी मंत्रालय के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी अन्य एजेंसियां एम्स के सिस्टम को बचाने में जुटी हैं। सूचना ब्यूरो और राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन का साइबर सुरक्षा दल घटना की जांच में शामिल है। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन यूनिट ने मामला दर्ज किया है।  

सुरक्षा से जुड़ा हमला : सर्वर बंद होने को लेकर एम्स में कई तरह की चर्चाएं हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जिस तरह देश की शीर्ष एजेंसियां जांच में शामिल हुई हैं, उससे लगता है कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है। 

डाटा के नुकसान का पता नहीं
सर्वर बंद होने से एम्स के डाटा को कितना नुकसान हुआ है? इसकी जानकारी नहीं दी गई है। एम्स ने संभावना जताई है कि जल्द ही सर्वर काम कर सकता है लेकिन इससे हुए डाटा के नुकसान का पता नहीं। 

एनएसए डोभाल ने भी लिया जायजा
एम्स के सर्वर पर साइबर हमले के मामले में देश की सुरक्षा एजेंसियों ने भी एम्स में डेरा डाल लिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी बृहस्पतिवार को एम्स पहुंचे। यह पता किया जा रहा है कि कहीं चीन की ओर से साइबर हमला तो नहीं किया गया है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) को भी जांच में लगाया गया है। 

हर 11 सेकंड में रैंसमवेयर का हमला, नए कानून की जरूरत
एम्स में रैंसमवेयर हमले और लाखों मरीजों का डाटा संकट में पड़ने के बीच साइबर विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने एक नए कानूनी ढांचे की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा देशभर में कंपनियों व संगठनों को हर 11 सेकंड में हमले का सामना करना पड़ता है। हालांकि पहली बार किसी प्रीमियम स्वास्थ्य संस्थान पर ऐसा हमला हुआ है।

सुरक्षा एजेंसियों ने एम्स में डाला डेरा 
देश के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सर्वर पर हुए साइबर हमले के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मामला दर्ज कर लिया है। मामला स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटिजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) में दर्ज किया गया है।

अधिकारियों का कहना है कि मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी गई है। साथ ही सूचना राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) को भी जांच में लगाया गया है। देश की सुरक्षा एजेंसियों ने एम्स में डेरा डाल लिया है। बताया जा रहा है कि एनएसए अजीत डोभाल भी एम्स पहुंचे। यह पता किया जा रहा है कि कहीं चीन की ओर से साइबर हमला तो नहीं हुआ है। आईएफएसओ के अधिकारी इस मामले में कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। 

स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एम्स के एडिशनल सिक्योरिटी अफसर ने एम्स के सर्वर पर साइबर होने की शिकायत दिल्ली पुलिस को दी है। अफसर की शिकायत पर आईएफएसओ में मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच में कई विभाग की टीम को लगाया गया है।

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