
चक्रवाती तूफान मैंडूस का असर भले ही कम हो गया है, लेकिन इस तूफान के कारण पांच लोगों की मौत हो गई है। जबकि हजारों लोगों को शेल्टर होम में जगह लेनी पड़ी है। जानकारी के अनुसार, चक्रवाती तूफान मैंडूस के कारण तमिलनाडु के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई। जिससे पांच लोगों की मौत हो गई और 10,000 लोगों को शेल्टर होम में जगह लेनी पड़ी है।
तूफान के कारण करीब 300 घर हुए क्षतिग्रस्त
तमिलनाडु के राजस्व विभाग के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि चक्रवात ‘मैंडूस’ के कारण राज्य में भारी बारिश हुई, इसके चलते करीब 300 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और चेन्नई और उसके आसपास के क्षेत्रों में 169 आश्रय स्थापित किए गए हैं। तमिलनाडु के कांचीपुरम, चेंगलपट्टू और विल्लुपुरम जिलों में रेड अलर्ट रविवार तक के लिए घोषित किया गया है।
सोमवार को भी बंद रह सकते हैं स्कूल-कॉलेज
सूत्रों के अनुसार, तमिलनाडु सरकार चक्रवात से हुए भारी नुकसान को देखते हुए सोमवार को भी स्कूलों और कॉलेजों सहित अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित कर सकती है। बता दें कि इस चक्रवात के कारण 500 से अधिक पेड़ उखड़ गए हैं। जिसके बाद ग्रेटर चेन्नई निगम के अधिकारियों ने उन्हें हटा दिया है। वहीं, पेंथियन रोड पर स्थित हिंदुस्तान पेट्रोलियम के आउटलेट पर एक विशाल बरगद का पेड़ गिर गया, जिससे वह क्षतिग्रस्त हो गया है। हालांकि, जिस दौरान यह हादसा हुआ, वहां कर्मचारी मौजूद नहीं थे।
चक्रवात ‘मैंडूस’ से प्रभावित हुए हजारों लोग
इस बीच, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बताया कि चक्रवात ‘मैंडूस’ को लेकर उचित तैयारी की गई थी, जहां भी नुकसान हुआ वहां मदद पहुंचाई जा रही है। सीएम स्टालिन ने कहा चक्रवात के नुकसान का आकलन करने के बाद अगर जरूरत पड़ी तो हम केंद्र सरकार से धन की मांग करेंगे। वहीं, ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन (जीसीसी) के कमिश्नर गगनदीप बेदी ने कहा 200 से अधिक लोगों को शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है और लगभग 9000 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया है।