
इंदौर की क्राइम ब्रांच पुलिस ने ऑनलाइन सट्टे का रैकेट पकड़ा है, जिसका नेटवर्क 15 राज्यों में फैला है। आरोपित आइटी कंपनी की आड़ में सट्टे का कंट्रोल रूम बनाकर विभिन्न शहरों में एजेंट नियुक्त कर रहे थे। कार्रवाई के लिए मध्य प्रदेश के गृह मंत्रालय से आदेश जारी हुए थे। गिरोह के तार खाड़ी देशों से जुड़े हैं। आरोपित विदेश के सर्वर का उपयोग भी करते हैं।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजेश हिंगणकर के मुताबिक, लंबे समय से खबर मिल रही थी कि शहर में सट्टा माफिया सक्रिय है, जो नवयुवकों को लत लगाकर हर महीने करोड़ों रुपये कमा रहा है। क्राइम ब्रांच के डीसीपी निमिष अग्रवाल ने आइपी एड्रेस के आधार पर जानकारी जुटाई। बुधवार को ऐरन हाइट्स (विजय नगर) में छापा मारकर विशाल सोलंकी निवासी स्कीम-9 नीमच, गोविंद राठी प्रजापत नगर और अमन को गिरफ्तार किया।
जानकारी के अनुसार, आरोपित दिखावे के लिए आइटी कंपनी संचालित करते थे, जबकि मुख्य काम ऑनलाइन (राकीबुक डाटकाम) का कंट्रोल रूम संभालना था। इसी कार्यालय से पूरे देश में आनलाइन आइडी बनाई जाती थी। आरोपितों ने एंड्रोयड फोन का उपयोग करने वाले हजारों युवकों को सट्टे की लत लगा दी थी। पुलिस के मुताबिक यह तो एकमात्र कंट्रोल रूम है। इसके मुख्यालय और सरगना की जांच जारी है। प्रारंभिक रूप से इतना पता चला है कि सर्वर विदेश में है। एक टीम को पंजाब और हरियाणा भी भेजा गया है।
पुलिस ने भले ही राकीबुक डाटकाम पर छापा मारा, लेकिन सरगना मुंबई निवासी रमेश चौरसिया है, जो गेम किंग के नाम से ऑनलाइन सट्टा चलाता है। इसका नेटवर्क 15 राज्यों में फैला है। उसका मुख्य आदमी राहुल चौरसिया है, जो इंदौर में शाहिद रांगा, रफीक टेशन आदि के साथ मिलकर सट्टा संचालित करता है। आरोपितों के खिलाफ पिछले दिनों सिमरोल क्षेत्र के अनिल और दिलीप ने शिकायत की थी।