
पाकिस्तान में इन दिनों राजनीतिक माहौल गर्म है। एक तरफ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। दूसरी ओर पंजाब सरकार ने बुधवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की रैली से पहले लाहौर में धारा 144 लगाकर सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। रैली पर प्रतिबंध लगाने के विरोध में पीटीआई के सैकड़ों कार्यकर्ता और समर्थक लाहौर में इमरान खान के आवास के बाहर जाम हो गए। पुलिस ने पीटीआई कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की। पुलिस की कार्रवाई में इमरान खान के एक समर्थक की मौत हो गई। साथ ही प्रदर्शन कर रहे पीटीआई के सौ से ज्यादा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, रैली पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के विरोध में पीटीआई ने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया है।
पीटीआई की वरिष्ठ नेता शिरीन मजारी ने मीडिया को बताया कि लाठीचार्ज के दौरान सिर में चोट लगने से घायल पीटीआई कार्यकर्ता अली बिलाल (40) की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ता घायल हुए हैं, जिनमें से तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि पीटीआई की महिला कार्यकर्ताओं पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया।
एक अधिसूचना में, गृह विभाग ने कहा, ‘यह देखा गया है कि जिला लाहौर के विभिन्न स्थानों पर रोजाना बड़ी संख्या में रैलियां और विरोध प्रदर्शन किए जाते हैं। ये न केवल गंभीर सुरक्षा खतरा पैदा करते हैं बल्कि यातायात को भी बाधित करते हैं और बड़े पैमाने पर जनता को असुविधा का कारण बनते हैं।’ आदेश में यह भी कहा गया है कि किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए जिला लाहौर में रैलियां, जुलूस, प्रदर्शन, जलसा, धरना, विरोध और इस तरह की अन्य गतिविधियों पर रोक सात दिनों तक लागू रहेगी।
पीटीआई की अपने चुनाव अभियान शुरु करने की योजना थी
पीटीआई ने बुधवार को जमान पार्क से दाता दरबार तक एक रैली के जरिए अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करने की योजना बनाई थी। जानकारी के मुताबिक, रैली में पार्टी प्रमुख इमरान खान के व्यक्तिगत रूप से भाग लेने की वाले थे।
सरकार कानून के राज पर हमला कर रही है: इमरान खान
पंजाब सरकार के आदेश पर इमरान ने भी प्रतिक्रिया दी है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने 90 दिनों में पंजाब और केपी में चुनाव कराने का आदेश दिया है। पीटीआई ने लाहौर में चुनावी रैली की शुरुआत की। किस कानून के तहत, पंजाब की कार्यवाहक सरकार हमारी नियोजित रैली को रोकने के लिए निहत्थे कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस हिंसा का इस्तेमाल कर रही है?’