
संसद के दोनों सदनों में बजट सत्र के दूसरे चरण का छठा दिन भी पक्ष-विपक्ष की जिद की भेंट चढ़ गया। सदनों में सिर्फ हंगामा-नारेबाजी और पोस्टर लहराने जैसी घटनाएं हुईं।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष के सदस्य राहुल के लंदन बयान पर माफी की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। इसके जवाब में विपक्षी सदस्य अदाणी मामले में जेपीसी के गठन की मांग करते हुए वेल में प्रवेश कर गए। आसन से प्रश्नकाल के बाद सभी सदस्यों को बोलने का मौका दिए जाने की बार-बार घोषणा के बाद भी हंगामा नहीं रुकने के कारण कार्यवाही पहले दो बजे और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। उच्च सदन में भी ऐसे ही हालात थे।
गतिरोध दूर होने की संभावना लगातार क्षीण होने के बाद बजट सत्र का दूसरा चरण समय से पहले खत्म हो सकता है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो सरकार केंद्रीय बजट को पारित कराने, रेलवे, कृषि जैसे प्रमुख मंत्रालयों की अनुदान मांगों का निपटारा करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। इन प्रक्रियाओं के पूरा होते ही सत्रावसान की घोषणा की जा सकती है। गौरतलब है कि केंद्रीय बजट को 31 मार्च तक पारित कराना जरूरी है।