
उत्तर पश्चिम भारत में आए पश्चिमी विक्षोभ का असर अभी दो दिन और रहेगा। बीते तीन से लगातार शाम को बारिश हो रही है। इस कारण शनिवार को अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम 28.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। बीते 12 साल में एक अप्रैल को अधिकतम तापमान इतना कम कभी नहीं रहा। वहीं, न्यूनतम तापमान भी सामान्य से तीन डिग्री कम 15.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। इससे ठंडक का अहसास हुआ। सोमवार के बाद बारिश का दौर थमने पर अधिकतम व न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होगी।
दिल्ली- एनसीआर में बृहस्पतिवार से बारिश का दौर जारी है। दिन में धूप निकलती है और शाम को बारिश होने लगती है। शनिवार को भी बारिश हुई, शाम 5:30 बजे तक 000.1 मिमी बारिश दर्ज की गई। दिल्ली के अधिकतम इलाकों में अधिकतम तापमान 27 डिग्री के आसपास रहा। जबकि सबसे कम अधिकतम तापमान मयूर विहार में 26.1 डिग्री सेल्सियस रहा। सबसे कम न्यूनतम तापमान रिज इलाके में 12.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। मौसम विभाग के अनुसार, रविवार व सोमवार को भी हल्की बारिश होगी। इसके बाद तापमान में भी बढ़ोतरी शुरू होगी। रविवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस रहने के आसार हैं।
जून के बाद अल नीनो की स्थिति
देश में वार्षिक वर्षाजल का 70 फीसदी मानसून के दौरान गिरता है। इससे देश की 60 फीसदी कृषि भूमि की सिंचाई होती है। देश की आधी आबादी सीधे तौर पर मानसूनी बारिश से जुड़ी खेती पर आश्रित है। मौसम विभाग के मुताबिक, भारत में मानसून को मजबूती देने वाली ला नीना की स्थिति अब कमजोर पड़ रही है। अप्रैल से जून तक सामान्य स्थिति बनी रहेगी, इसके बाद अल नीनो की स्थिति बनना शुरू हो जाएगी, जिससे भारत में मानसून कमजोर होगा। हालांकि, दूसरी तरफ आने वाले महीनों में हिंद महासागर में द्विध्रुवीय (आईओडी) स्थिति बनेगी। आईओडी भी अल नीनो व ला नीनो जैसी स्थिति है। इसमें हिंद महासागर के पश्चिमी व पूर्वी भाग के सतही तापमान में अंतर की वजह से भारत में मानसून को मजबूती मिलती है।
40 डिग्री से अधिक तापमान पर लू :
लू (हीटवेव) असल में उस स्थिति को कहा जाता है, जब मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय इलाकों में 37 और पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाए। या फिर तापमान सामान्य की तुलना में 4.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो जाए।