
माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज की घटना पर उच्च स्तरीय बैठक की है और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये हैं। इसी के साथ सीएम योगी ने तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन के निर्देश भी दिये हैं। जानकारी के अनुसार सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव गृह, संजय प्रसाद को प्रयागराज जाने के दिए निर्देश दिए हैं। बताया गया है कि संजय प्रसाद खुद संभालेंगे प्रयागराज की कमान।
बता दें कि माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई है। हत्या उस वक्त हुई जब जेल में बंद दोनों भाइयों को प्रयागराज के काल्विन अस्पताल में मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था। इससे पहले गुरुवार को ही उमेश पाल और उनके दोनों गनर्स पर गोली चलाने वाले आरोपी असद अहमद और उसका साथी गुलाम एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया। असद माफिया अतीक अहमद का तीसरे नंबर का बेटा था। वहीं, गुलाम अतीक का बेहद करीबी शूटर था।
गुरुवार को ही अतीक और उसके भाई अशरफ को उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने के आरोपी में प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट ने सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया था। 
अतीक अहमद को इसी साल 29 मार्च को उमेश पाल अपहरण कांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। अतीक के साथ दोषी करार दिए गए दिनेश पासी और सौलत हनीफ को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
हालांकि, अतीक के भाई अशरफ समेत सात जीवित आरोपी मंगलवार को दोष मुक्त करार दिए गए थे। माफिया अतीक को सजा सुनाए जाने से पहले उस पर 44 साल पहले पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। तब से अब तक उसके ऊपर सौ से अधिक मामले दर्ज हुए थे, लेकिन पहली बार किसी मुकदमे में उसे दोषी ठहराया गया था। आइये जानते हैं उस मामले में के बारे में, जिसमें अतीक दोषी करार दिया गया था। कैसे उमेश पाल ने 17 साल तक अतीक को सजा दिलाने के लिए संघर्ष किया। कैसे सजा मिलने से पहले उमेश की हत्या कर दी गई।