
अफ्रीकी देश कांगो में पिछले हफ्ते बाढ़ और भूस्खलन के बाद में 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। लगातार बचाव कर्मी और परिवार के लोग मलबे और मिट्टी में अपनों की तलाश कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्वी कांगो के साउथ किवु प्रांत में एक नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से बाढ़ आई।
बाढ़ गुरुवार को भारी बारिश के बाद शुरू हुई जब नदियां उफान पर आ गई और किनारों पर बहने लगीं। पानी गांवों में घुस गया और घरों को बहा ले गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाढ़ ने दक्षिण किवु, बुशुशु और न्यामुकुबी गांवों में कालेहे क्षेत्र को प्रभावित किया। दक्षिण किवु में एक नागरिक समाज समूह के प्रतिनिधि रेमी कासिंदी ने कहा, स्थिति भयावह है। उन्होंने कहा, यह एक मानवीय संकट है जो परेशानी का सबब बना हुआ है। उन्होंने कहा कि जीवित बचे लोग कीचड़ में अपने परिवार के सदस्यों की तलाश कर रहे थे और पास की किवु झील से कुछ शव निकाले गए।
3 हजार परिवार हुए बेघर
समाचार रिपोर्ट के अनुसार, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त कार्यालय ने कहा कि लगभग 3000 परिवार बाढ़ और भूस्खलन से बेघर हो गए क्योंकि उनके घर क्षतिग्रस्त हो गए और नष्ट हो गए। कम से कम 1200 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए। कांगो में सोमवार को बाढ़ पीड़ितों के लिए शोक दिवस मनाया गया।
अभी भी निकाले जा रहे शव
बचावकर्मियों के अनुसार, बाढ़ से पहले क्षेत्र के लोग अपने कृषि उत्पादों को वहां के बाजार में बेचने के लिए इस क्षेत्र का इस्तेमाल करते है। जिससे लापता लोगों की कुल संख्या की गणना करना कठिन हो गया। सोमवार को भी मलबे से शव निकाले जा रहे थे।
तेजी से गांवों में घुसा नदी का पानी
बाढ़ के मलबे में लोगों के शव तलाशे जा रहे हैं। बाढ़ में कई पूरे परिवार खत्म हो गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि कालेहे इलाके में लेक किवु नामक नदी बहती है, भारी बारिश के चलते गांव में नदी के किनारे बह गए, जिससे नदी का पानी तेजी से गांवों में घुसा और अपने साथ सबकुछ बहाकर ले गया। लोगों का कहना है कि यह सब इतनी तेजी से हुआ कि उन्हें संभलने का मौका भी नहीं मिला। प्रभावित इलाकों में सड़कों रास्तों के तबाह होने से भी बचाव कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं।