
पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध को लेकर सरकार और सेना के बीच सहमति बनती नजर आ रही है। विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने पीटीआई पर प्रतिबंध के प्रस्ताव के समर्थन का एलान किया है।
उन्होंने अपनी पार्टी के निर्णय की जानकारी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को दे दी है। कहा है कि उनकी पार्टी आतंकवाद और हिंसा की समर्थक नहीं है। इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ पीटीआई पर प्रतिबंध पर सरकार द्वारा विचार किए जाने की जानकारी दे चुके हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेतृत्व वाली सरकार में मुख्य सहयोगी दल पीपीपी के पीटीआई पर प्रतिबंध के प्रस्ताव का समर्थन करने को तैयार होने से इमरान की मुश्किलें बढ़नी तय मानी जा रही हैं।
इमरान खान के समर्थक सेना के हवाले
इस बीच पुलिस ने नौ मई और उसके बाद की हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार 33 इमरान समर्थकों को सैन्य अदालत में ट्रायल के लिए सेना को सौंप दिया है। गृह मंत्री राणा सनाउल्ला ने बताया है कि सेना की हिरासत में दिए गए पीटीआई समर्थकों पर सैन्य ठिकानों पर हमले का आरोप है, इसलिए उन पर सैन्य अदालत में ही मुकदमा चलेगा।
अवान ने भी छोड़ा इमरान का साथ
इमरान खान का साथ छोड़ने वाले नेताओं की सूची में शुक्रवार को पीटीआई के वरिष्ठ नेता फिरदौस आशिक अवान का नाम भी शामिल हो गया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के हिंसक और आतंकी कृत्यों के विरोध में पीटीआइ से इस्तीफा देने का एलान किया है। अवान ने इमरान के प्रधानमंत्री पद के कार्यकाल के दौरान उनके मीडिया सहायक के रूप में भी कार्य किया था।