
लंबे समय से संघर्ष कर रहे पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने मंगलवार को बसों का चक्का जाम कर दिया। यह चक्का जाम बुधवार को भी रहेगा। यूनियन की इस हड़ताल के कारण जहां सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है, वहीं, इसका खामियाजा आम लोगों को भी भुगतना पड़ा है।
एक तरफ जहां पंजाब रोडवेज, पनबस, पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, वहीं बस स्टैंड पर पहुंचे यात्री बस चालकों व सरकार को कोसते नजर आए। इस दौरान कुछ यात्रियों की बस चालकों से बहस भी हुई। इस पर बस चालकों का कहना था कि इस चक्का जाम के बारे में पंजाब सरकार और परिवहन विभाग को पहले ही सूचित किया जा चुका था। लोगों को होने वाली परेशानी के लिए सरकार और परिवहन विभाग ही पूरी तरह से जिम्मेदार है।
फिलहाल गलती किसी भी हो लेकिन तपती गर्मी में बस उपलब्ध न होने से महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जालंधर के शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटरस्टेट बस टर्मिनल की बात करें तो यहां चंडीगढ़, नवांशहर, रोपड़, देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, अंबाला, यमुनानगर, दिल्ली, रेवाड़ी और फरीदाबाद के काउंटरों पर कोई बस नजर नहीं आई।
हालात यह हैं कि कांट्रैक्ट कर्मचारियों ने बसों को किसी भी रूट पर रवाना नहीं होने दिया। हालांकि पंजाब रोडवेज व पीआरटीसी अपने स्थाई मुलाजिमों के साथ करीब 400 बसों को सड़कों पर उतार कर इस स्थिति से निपटने की कोशिश में लगा रहा लेकिन गर्मी की छुट्टियों के चलते यात्रियों की संख्या बढ़ने के कारण यह बसें लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में कामयाब नहीं हो रही हैं।
दूसरी तरफ दिल्ली एयरपोर्ट पर जाने वालों के लिए राहत की बात यह रही कि पंजाब के साथ-साथ जालंधर से भी पंजाब रोडवेज की वोल्वो बस इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक चलती रही।