कोरोना वायरस के एक और स्वरूप के खिलाफ जल्द ही स्वदेशी टीका उपलब्ध होगा। हाल ही में पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) ने ओमिक्रॉन स्वरूप से निकले एक्सबीबी.1.16 उप स्वरूप को पृथक करने में कामयाबी हासिल की है। एनआईवी ने इस जीवित विषाणु के आधार पर टीका विकसित करने के लिए हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी को सौंप दिया है।
भारत बायोटेक कंपनी के वैज्ञानिकों की एक टीम उच्च स्तरीय प्रयोगशाला में इस जीवित वायरस पर टीका बनाने में जुटी हुई है। इसी टीम ने 2020 में कोरोना वायरस के वुहान स्वरूप को लेकर देश का पहला कोरोनारोधी स्वदेशी कोवाक्सिन टीका तैयार किया। नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि एक्सबीबी.1.16 उप स्वरूप इसी साल पहली बार भारत में देखा गया। बीते मार्च से लेकर अब तक करीब 40 फीसदी से ज्यादा मामलों में यही स्वरूप देखने को मिल रहा है।
नए उपस्वरूप का यह है जीनोमिक डाटा
वैज्ञानिकों ने एक्सबीबी.1.16 उप वैरिएंट का जीनोमिक डाटा भी साझा किया है जिसके मुताबिक बीते मई और अब जून के महीने में 44.4 फीसदी कोरोना मरीजों में वायरस का यह स्वरूप पाया गया। बीते 16 सप्ताह के आंकड़े बता रहे हैं कि यह उप वेरिएंट लगातार बढ़ रहा है। एक से 25 जून के बीच कोरोना संक्रमित मिलने वाले रोगियों में 55.6 फीसदी इसी उप वेरिएंट की चपेट में आए हैं जो लगभग हर दूसरा मरीज होने की पुष्टि कर रहा है।