
स के मामले में कारोबारी को नौ महीने सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दो लाख 12 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
दुर्गा मंदिर मालवीय मार्ग हरिद्वार रोड निवासी विजय शर्मा ने इस संबंध में न्यायालय में वाद दायर किया था। विजय शर्मा का आरोप था कि नरेंद्र सहरावत निवासी वीरभद्र ऋषिकेश ने जून 2015 से अक्तूबर 2015 तक उनके व्यावसायिक प्रतिष्ठान मै. राहुल टायर्स से टायर लिए थे। 15 नवंबर 2015 को नरेंद्र ने उन्हें पंजाब नेशनल बैंक का एक लाख 33 हजार रुपये धनराशि का चेक दिया था, लेकन बैंक ने चेक धारक के खाते में अपर्याप्त धनराशि होना बताते हुए चेक लौटा दिया था। इसके बाद नरेंद्र को नोटिस भी दिया गया, लेकिन नरेंद्र ने धनराशि वापस नहीं की।
सिविल जज न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रेय गुप्ता की अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद बुधवार को फैसला सुनाया। अदालत ने नरेंद्र सहरावत को दोषी पाते हुए 9 माह के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन्हें 2 लाख 7 हजार परिवादी को प्रतिकर के रूप मे देने होंगे, जबकि 5 हजार रुपये राजकोष में जमा करने हैं। जुर्माने की 5 हजार धनराशि न भुगतने पर 15 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।