
मणिपुर में जारी हिंसा पर चर्चा कराने को लेकर संसद के बाहर और भीतर सरकार तथा विपक्ष के बीच जारी संग्राम के चलते लगातार तीसरे दिन संसद की कार्यवाही नहीं चल पाई। गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा के लिए सरकार के तैयार होने की सदन में घोषणा कर गतिरोध तोड़ने के लिए सत्ता पक्ष की पहल का संदेश दिया। मगर प्रधानमंत्री के सदन में बयान के बाद विशिष्ट नियमों के तहत चर्चा की मांग पर कायम विपक्ष को यह पेशकश मंजूर नहीं हुआ। गृह मंत्री ने विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया। वहीं सरकार की पेशकश को प्रतीकात्मक मानते हुए विपक्षी गठबंधन ने दोनों सदनों में हंगामा-नारेबाजी की।
सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संक्षिप्त टिप्पणी के दौरान कहा, मैं मणिपुर की स्थिति पर लोकसभा में चर्चा का इच्छुक हूं, लेकिन पता नहीं विपक्ष ऐसा क्यों नहीं चाहता। उनका यह भी कहना था कि विपक्षी नेताओं को सदन में बहस करनी चाहिए, क्योंकि मणिपुर की सच्चाई देश के सामने आना जरूरी है। विपक्ष ने इस पेशकश को ठुकरा दिया और हंगामे के बीच लोकसभा पूरे दिन के लिए स्थगित हो गई।
मणिपुर मुद्दे पर चर्चा को लेकर हंगामे के बीच संजय सिंह आक्रामक होकर वेल में आ गए। सभापति जगदीप धनखड़ ने सिंह को उनके “अनियंत्रित व्यवहार” के लिए चेतावनी दी। संजय सिंह को निलंबित करने के लिए सदन के नेता पीयूष गोयल ने एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया गया। सभापति ने इसके बाद सदन स्थगित कर दिया। हालांकि संजय सिंह सदन से नहीं निकले। आखिरकार तीन बजे राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित हुई तो बाहर आकर अपने निलंबन को विपक्ष की आवाज दबाने का प्रमाण करार दिया।