
सीबीआई ने मंगलवार को नगर निगम के दो अफसरों को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। आरोप के मुताबिक दोनों अफसरों ने नौकरी से निकाले गए नगर निगम के सेनेटरी इंस्पेक्टर को बहाल कराने के नाम पर तीन लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। सौदा दो लाख में तय हुआ और आरोपी पहली किस्त के रूप में एक लाख रुपये ले रहे थे। आरोपियों की पहचान नगर निगम के हेल्थ सुपरवाइजर संदीप कुमार और चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर चंद्रमोहन के रूप में हुई है। दोनों के खिलाफभ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
सेनेटरी विभाग में सेनेटरी इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत रामदरबार निवासी जितेंद्र को कुछ समय पहले नौकरी से निकाल दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, जितेंद्र ज्यादातर छुट्टी पर रहते थे। इसके चलते उनकी नकारात्मक रिपोर्ट बनाकर उन पर कार्रवाई की गई। नौकरी से निकाले जाने के बाद वह विभाग के चक्कर लगा रहे थे।
दोबारा नौकरी पर रखवाने के लिए जितेंद्र ने चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर चंद्रमोहन से बात की, जो हेल्थ सुपरवाइजर संदीप के नीचे संबंधित विभाग में कार्यरत था। चंद्रमोहन ने जितेंद्र से कहा कि वह उसे दोबारा नौकरी पर रखवा देगा, मगर उसके लिए संदीप से बात करनी होगी। इसके बाद जितेंद्र को दोबारा नौकरी पर रखवाने के लिए तीन लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई। हालांकि बाद में सौदा दो लाख रुपये में तय हुआ। इसकी पहली किस्त के रूप में एक लाख रुपये दिए जाने थे।
शिकायतकर्ता जितेंद्र रिश्वत नहीं देना चाहता था इसलिए उसने रिश्वत मांगने की जानकारी और लिखित शिकायत सेक्टर-30 स्थित सीबीआई मुख्यालय में दी। इसके बाद विभाग की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने मंगलवार दोपहर सेक्टर-17 में ट्रैप लगाकर रिश्वत की रकम और वॉयस रिकॉर्डर देकर शिकायतकर्ता को आरोपियों के पास भेजा और जैसे ही शिकायतकर्ता जितेंद्र ने रकम आरोपियों को पकड़ाई तो सीबीआई ने चंद्रमोहन और संदीप को मौके पर ही दबोच लिया।
दोनों को गिरफ्तार कर सीबीआई मुख्यालय ले जाया गया, जहां उनसे पूछताछ की गई। दोनों अफसरों के सेक्टर-20 बी स्थित घर पर भी सीबीआई की टीम ने सर्च अभियान चलाया। दोनों को बुधवार दोपहर सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।