सोना तस्करी मामले में रान्या राव ने DRI पर टॉर्चर और जबरन साइन के आरोप लगाए

सोना तस्करी के एक गंभीर मामले में आरोपी रान्या राव ने भारत की डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रान्या राव का दावा है कि हिरासत में रहते हुए उन पर मानसिक और शारीरिक रूप से अत्याचार किया गया और उन्हें जबरन साइन कराने के लिए दबाव डाला गया। इस बयान के बाद पूरे मामले में नया मोड़ आ गया है, और रान्या राव ने DRI पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया है।रान्या राव के अनुसार, उन्हें सोना तस्करी मामले में गिरफ्तार किया गया था, और गिरफ्तारी के बाद उनसे लंबी पूछताछ की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि DRI अधिकारियों ने हिरासत के दौरान उन्हें प्रताड़ित किया और मानसिक रूप से परेशान किया। रान्या राव का कहना है कि उन्हें झूठे बयान देने और कागजात पर जबरन साइन करने के लिए मजबूर किया गया, जिससे उन्हें शारीरिक और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा।इस पूरे घटनाक्रम के बाद रान्या राव ने इन आरोपों को लेकर संबंधित अधिकारियों से न्याय की मांग की है और कहा है कि उन्हें जो यातनाएं दी गईं, उससे उनका आत्मविश्वास और मानसिक स्थिति कमजोर हो गई है। रान्या ने यह भी बताया कि हिरासत में रहते हुए उन्हें बिना किसी वकील की उपस्थिति के कई दस्तावेजों पर साइन करने के लिए दबाव डाला गया, और जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उनके साथ और अधिक सख्ती की गई।DRI ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और अगर कोई भी अधिकारी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। DRI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि किसी भी आरोपी के साथ अवैध तरीके से बर्ताव नहीं किया जाता और हिरासत में ली गई हर व्यक्ति के अधिकारों का सम्मान किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपों की जांच के लिए एक समिति बनाई जाएगी जो पूरी निष्पक्षता से मामले की जांच करेगी।सोना तस्करी का यह मामला हाल ही में सुर्खियों में था, जिसमें रान्या राव और उनके सहयोगियों पर बड़ी मात्रा में सोने की तस्करी करने का आरोप था। रान्या राव का कहना है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे हैं और वे पूरी तरह से निर्दोष हैं। इस मामले में पहले भी कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, और यह जांच अभी भी जारी है।मानवाधिकार संगठनों ने रान्या राव के आरोपों पर चिंता जताई है और कहा है कि यदि यह आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह भारतीय कानून व्यवस्था और मानवाधिकारों के उल्लंघन के गंभीर मामले होंगे। संगठन ने भारत सरकार से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की जाए और यदि कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है, तो उसे तुरंत सजा दी जाए।यह मामला अब केवल सोना तस्करी से जुड़ा नहीं रह गया है, बल्कि पुलिस हिरासत में किए गए कथित टॉर्चर और अन्य मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर भी चर्चा का विषय बन चुका है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि इस मामले में क्या कार्रवाई होती है और रान्या राव को न्याय मिलता है या नहीं।

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