
विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट व द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश प्रीतू शर्मा ने प्रतिबंधित नशीले इंजेक्शन की तस्करी के मामले में दोष सिद्ध होने पर अभियुक्त को 12 साल के कठोर कारावास और 1.20 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को आठ माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक 24 अप्रैल 2022 को गश्त के दौरान पुलिस ने हल्द्वानी स्थित लाइन नंबर 18 में एक व्यक्ति थैला लेकर पैदल पटरी की ओर जा रहा था। शक होने पर पुलिस ने बैग की तलाशी ली तो उसमें कुल 25 नशीले इंजेक्शन बरामद हुए। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम लइक अहमद निवासी बनभूलपुरा बताया। बताया कि वह बनभूलपुरा में किराये के मकान में रहता है। पूछताछ के बाद पुलिस ने लइक अहमद के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार को विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट प्रीतू शर्मा की अदालत में मामले की सुनवाई हुई।
अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता पूजा साह ने अभियुक्त पर दोष साबित करने के लिए सात गवाह पेश किए। एडीजीसी साह ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्त के कब्जे से 25 नशीले इंजेक्शन बरामद हुए हैं जबकि उसके बाद इन्हें रखने का न तो कोई लाइसेंस था और न ही अभियुक्त ने व्यक्तिगत प्रयोग के लिए इन इंजेक्शनों को रखा था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश प्रीतू शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त की ओर से किया गया अपराध सामाजिक अपराध है। कोर्ट ने अभियुक्त को दोष सिद्ध माना और एनडीपीएस एक्ट के तहत 12 साल के कठोर कारावास और 1.20 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।